बीजेपी के अब तक के इतिहास में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर शनिवार एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। वो है कि क्या बीजेपी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के कद्दवार वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को पूरी तरह से भुला दिया है, या बीजेपी को सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भुनाने की आदत है।
अटल जी के बलिदान को भूली बीजेपी ?
- एक वक्त था जब बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से शुरू और खत्म होती थी।
- लेकिन आज सत्ता पर काबिज लोग उन्हें दरकिनारा करने में जुटे हुए हैं।
- वह चाहे बीजेपी की रैलियां में पोस्टर से हो या बीजेपी के चुनावी कार्यक्रम।
- हालांकि बीजेपी वोट मांगते समय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का बुरा इस्तेमाल करती है।
- शनिवार को यूपी के चुनावी दंगल के लिए बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया।
- लेकिन इस घोषणा पत्र पर उनकी तस्वीर तक को जगह देना उचित नहीं समझा गया।
- अटल के बेदाग चरित्र, कद्दावर नेता और दमदार व्यक्तिगत को बीजेपी सरकार हमेशा भुनाती रही है।
- हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में अटल जी को भारत रत्न से नवाजा गया।
- साथ ही उनके जन्मदिन को सरकार ने सुशासन दिवस के रूप में मनाने का ऐलान भी किया।
- लेकिन बीजेपी के रगो में बस चुके इस महान नेता को पार्टी घोषणा पत्र में जगह नहीं दी।
- साथ ही हाल में हुई पीएम मोदी की कई रैलियों से भी उनकी तस्वीर गायब दिख थी।
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