उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा न तो राम मंदिर को मुद्दा बनाएगी न ही समान नागरिक संहिता की बात होगी। इसके अलावा भाजपा मथुरा और कैराना के मद्दों को भी हवा नहीं देगी। यहां संगम नगरी के तट पर दो दिनों तक चली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जिस तरह से जीडीपी और विदेशी निवेश को लेकर चर्चा हुई उससे साफ है कि भाजपा अगले वर्ष यूपी समेत चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व और उनके विकास के मॉडल को आगे रखकर ही चुनाव मैदान में उतरने वाली है।
- एक सवाल के जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा न तो चुनावी मुद्दा है न ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का यह तो लोगों की आस्था का मुद्दा है।
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हो रही चर्चाओं से साफ है कि पिछले 14 वर्षों से यूपी की सत्ता से दूर रहने वाली भाजपा इस चुनाव में मोदी के विकास मॉडल के सहारे ही है।
- भाजपा को उत्तर प्रदेश चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाताओं की ताकत का भी अंदाजा हो चुका है जो अब केवल वोट बैंक नहीं रह गया हैं।
- भाजपा रणनीतिकारों को यह बात भी समझ में आ रहीं है कि बुनियादी सुविधाओं से परेशान यूपी की जनता को अब सिर्फ राम मंदिर के सहारे अपने पाले में नहीं किया जा सकता है।
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन जब भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने सम्बोधन में कहते हैं कि पीएम मोदी को एक वर्ष में दो इस्लामिक देशों में सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है।
- दरअसल अमित शाह इन बातों से यह संदेश देना चाहते हैं कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया के मुसलमानों के बीच मोदी जी स्वीकार्यता बढ़ी है।
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