2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने अपनी सीटों की संख्या 73 से 74 करने का ऐलान किया है। इसके अलावा बीजेपी ने अब पूरी तरह से यूपी में फ़तेह हासिल करने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं की पूरी फ़ौज खड़ी कर दी है। बीजेपी ने अब सपा को उसके ही गढ़ में घेरने की तैयारी कर ली है। 2014 में मोदी लहर के बाद भी सिर्फ आजमगढ़ सीट पर कमल नहीं खिल सका था जिसका बीजेपी को काफी मलाल है। अब बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से लड़ने के ऐलान के बाद आजमगढ़ सीट पर कब्ज़ा करने की पूरी तैयारी कर ली है।
बीजेपी को हैं उम्मीदें :
पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले में दो लोकसभा सीट हैं जिसमें से 1 लालगंज सीट बीजेपी के पास है। वहीँ जिले की सदर संसदीय सीट पर सपा का कब्ज़ा है। यहां से वर्तमान सांसद मुलायम सिंह यादव ने अगले लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से लड़ने की घोषणा कर भाजपा की उम्मीदों को फिर से पंख लगा दिये है। कहा जाता है कि आजमगढ़ की सदर सीट हमेशा से सत्ता के खिलाफ जाती है। वर्तमान में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद हैं और भाजपा आजादी के बाद से अब तक सिर्फ 2009 में हुए उपचुनाव में इस सीट से जीत सकी है लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मुलायम सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था।
कई लोगों ने की दावेदारी :
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ से चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रमाकांत यादव के सपा में जाने के खबरों को जोर दे दिया है। इन सबके बीच कई लोग सदर संसदीय सीट से अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने को बेताब हैं। सदर सीट पर बीजेपी के कई दावेदारों ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत करनी शुरू कर दी है। इस लिस्ट में पूर्व मंत्री यशवंत सिंह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पीए खड्ग बहाद़ुर सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्रा गुड्डू और जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह के शामिल होने की बात कही जा रही है।