भले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जाते हैं वहां स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, कौशल विकास मिशन, की बात करके डिजिटिल इंडिया बनाने के जोशीले भाषण देकर देश की जनता का उत्साहवर्धन करते हों। लेकिन यूपी के राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर को जीएसटी (GST) की फुल फॉर्म भी नहीं मालूम। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे फुलफार्म के बारे में पूछा तो वह टूटा फूटा जबाब देते नजर आये।
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ये हैं पत्रकारों के सवाल पर सांसद के जबाब
पत्रकार- जीएसटी एक टैक्स लगाया है मोदी ने…जीएसटी की फुलफॉर्म क्या है आप सांसद हैं बीजेपी के…?
सांसद- जीएसटी का फुलफॉर्म…कर लगाया है और…कर लगाने का मतलब है के भाई…सबको चोरी से बचना है…चोरी नहीं करना है…
पत्रकार- जीएसटी टैक्स देने से बचना है सबको…?
सांसद- जीएसटी का मतलब यही कि आप चोरी ना कर पावैं…कर सरकार को दें… और सभी टैक्स जो है…
पत्रकार- जीएसटी मतलब अंग्रेजी शब्द है…फुलफॉर्म पूरा इसको क्या कहेंगे…आप सांसद हैं ना बीजेपी के…मोदी ने लगाया है जीएसटी…और प्रत्येक जनता पर लगाया है?
सांसद-प्रत्येक जनता के माने ये नहीं है कि के……..कि वो यही लगाया है कि भाई जो बड़े लोग हैं बड़े पैमाने पर देंगे जो छोटे लोग हैं वो छोटे पैमाने पर देंगे…
क्या है जीएसटी और इसका फुल फॉर्म
जीएसटी का फुल फॉर्म (Goods and Service Tax) है। इसे हिंदी में (वस्तु एवं सेवा कर) कहते हैं। मुख्य रूप से वस्तुओं और उत्पादों की बिक्री पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास पहले था। जिसके कारण भारत में अलग-अलग तरह के कर लागू थे। जिससे वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल हो गयी थी। इसलिए सरकार ने इसमें उसमे सुधर किया और एक ही कर निर्धारित कर दिया। 2014 में पास संविधान के 122वें संशोधन के मुताबिक जीएसटी सभी तरह की सेवाओं और उत्पादों/वस्तुओं पर लागू होगा। सिर्फ अल्कोहल यानी शराब इस टैक्स से बाहर होगी। जीएसटी एक प्रकार का Indirect Tax है।