[nextpage title=”कमलेश तिवारी” ]
यूपी में चुनाव की तारीख तो अभी तय नही हुई है लेकिन चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। बीजेपी और उसके घटक दल भी पूरी तैयारी करने में लगे हैं। कुछ दिनों पूर्व जेल से बाहर आये हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी ने Hindu Post को दिए गए इंटरव्यू में इस विषय पर भी बात की।
कमलेश तिवारी को प्रोफेट मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के जुर्म में जेल भेज दिया गया था। उनपर NSA लगाया गया था और कोर्ट द्वारा NSA हटाये जाने के बाद उन्हें जमानत पशर रिहा किया गया। बाहर आने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों, वकीलों और कोर्ट को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुश्किल घड़ी में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया और मेरे लिए आवाज उठाई उन सभी को धन्यवाद देता हूँ। साथ ही उन्होंने आरएसएस पर आजम खान की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उनकी छवि को मीडिया ने भी गलत तरीके से पेश किया।
कमलेश तिवारी ने बताई आपबीती:
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जेल में किया गया भेदभाव:
इस दौरान उन्होंने जेल में बिताए गए वक्त के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पहले तो उनके साथ सामान्य कैदियों की तरह व्यवहार किया जाता था लेकिन बाद में हालात खराब हो गए। बाद में उन्हें बैरक में निकलने नहीं दिया जाता था। खाना भी जेल की कोठरी में मिलता था। कहीं जाने की अनुमति नहीं मिलती थी। उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाने लगा मानों वो कोई आतंकवादी हों। सितंबर के शुरुआती दिनों में अचानक इस बदलाव के बाद वो भूख हड़ताल पर बैठ गए। जिसके बाद जेल प्रशासन ने सुबह और शाम एक घंटे के लिए फिर से बैरक में घूमने की अनुमति दे दी। NSA हटने के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दी तब जाकर वो बाहर आये।
कमलेश तिवारी ने कहा कि इसके पीछे कौन था ये नही मालूम है। लेकिन जो भी था वो उनको बाहर आने देने के खिलाफ था। मानसिक प्रताड़ना देकर किसी भी तरह से दादरी कांड के आरोपी रवि सिसोदिया की तरह स्थिति में पहुँचाने की कोशिश की जा रही थी। कमलेश तिवारी ने कहा कि उन्होंने जेल प्रशासन के सख्त बर्ताव का विरोध किया वर्ना उनकी स्थिति भी खराब हो जाती।
सुरक्षा के नाम पर हुआ धोखा:
अब जब वो जेल से बाहर आ गए हैं तो राज्य सरकार ने उनको सुरक्षा प्रदान के नाम पर 4 पुलिसकर्मी दिए हैं । लेकिन उनका कहना है कि सुरक्षा पर्याप्त नही है और वो अपने कार्यक्रमों में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उदयपुर में होने वाले कार्यक्रम में जाते वक्त चित्तौरगढ़ में ही उनको रोक लिया गया। उनसे कहा गया कि शांति व्यवस्था भंग होने के अंदेशे के कारण ये निर्णय लिया गया है। लेकिन उनका कहना है कि हिन्दू महासभा किसी दबाव में नहीं आएगी। उन्हीने बताया कि हिन्दू महासभा हजारों कार्यकर्ताओं के मौजूदगी में ‘हिन्दू स्वाभिमान यात्रा’ निकलेगी।
तिवारी ने बताया कि उनको अपने परिवार के तरफ से समर्थन मिलता रहा है। हिन्दू महासभा के साथ जुड़े होने के महत्व को उनका परिवार समझता है। उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा मिले समर्थन पर भी ख़ुशी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हमारी यात्रा को नही रोक सकती है। हिन्दू महासभा एक राजनीतिक दल है और यात्रा या कोई भी कार्यक्रम करने का अधिकार है।
उन्होंने स्वामी चक्रपाणी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने 2013 में ही चक्रपाणी के हिन्दू महासभा के अध्यक्ष होने को ख़ारिज कर दिया था और मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। जो लोग ये कहते हैं कि मैं हिन्दू महासभा से नहीं जुड़ा हूँ वो लोग भ्रांतियां फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। चक्रपाणी कांग्रेस से लगाव रखते हैं और ये बात सब जानते हैं।
बीजेपी को हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ना चाहिए चुनाव:
यूपी चुनाव में उतरने के सवाल पर कमलेश तिवारी ने कहा कि अभी कोई प्लान नही है। बीजेपी के रहते मैदान में उतरकर हिन्दू वोटों को बाँटने का काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत हद तक संभव है कि हिन्दू महासभा कुछ सीटों पर चुनाव लड़े। हिंदुत्व के एजेंडे के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी हिंदुत्व के एजेंडे पर चुनाव लड़े तो सीटें ज्यादा सीट सकती हैं। तिवारी ने कहा कि चूँकि वो पीएम मोदी के खिलाफ नही बोलते हैं तो कुछ लोग उन्हें बीजेपी और आरएसएस का आदमी कहते हैं, जो की काफी हास्यप्रद है।
फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का गलत फायदा उठाते हैं लोग:
JNU प्रकरण पर उन्होंने कन्हैया कुमार गैंग पर भी हमला बोला। तिवारी ने कहा कि देश में शिक्षा पद्धति को मैकाले ने पहले ही ख़राब कस्र दिया था। लेफ्ट फ्रंट की मजबूती के लिए JNU का आगाज हुआ। सेकुलरिज्म के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये कत्तई नही कि आप अधर्मी और नास्तिक हो जाओ। धर्म निरपेक्ष होना मतलब ये नहीं होता है। फ्रीडम ऑफ़ स्पीच पर तिवारी ने कहा कि बात न्याय और अन्याय की होनी चाहिए ना कि अधर्मी बनने की होड़ की।
समाज में घृणा और नफरत फैलाने वालों के सवाल पर कमलेश तिवारी ने कहा कि घृणा फैलाना और नफरत फैलाना क्या है? उन्हीने कहा कि एम एफ हुसैन ने हिन्दू देवी-देवताओं की नग्न तस्वीरें बनाई लेकिन क्या उन्हें जेल हुई? उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने देवी दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, श्रीराम पर टिप्पणी की तो क्या उनको जेल हुई? उन्होंने कहा कि जब बात इस्लाम और मुस्लिम समुदाय की हो तो उसे फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के तराजू में तोला जाने लगता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद से हिंदुत्व अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि उनपर NSA लगाना अन्याय था।
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