इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को बड़ा झटका दिया है। गुरुवार को लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अमेठी में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को भेजे गए नोटिस पर स्टे लगा दिया। कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई जुलाई महीने में होगी। वहीं, कांग्रेस की ओर से कहा गया है योगी सरकार ‘बदले की राजनीति’ कर रही है।
बता दें, यूपी सरकार ने राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था ‘यहां जमीन का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। बिना किसी आधिकारिक इजाजत के यहां महिलाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जा रही है।’ राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और उनके बेटे राहुल गांधी इसमें ट्रस्टी सदस्य हैं।
क्या कहती है कांग्रेस
- कांग्रेस का कहना है कि वर्ष 1984 में यह जमीन ठाकुरदास ट्रस्ट को दे दी गई थी।
- इसके बाद जमीन काफी दिनों तक खाली पड़ी थी।
- जब राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट बना, तब से महिलाओं को रोजगार देने के लिए जमीन को सौंप दिया गया।
- राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन वर्ष 2002 में हुआ था।
13 साल से चल रहा है प्रशिक्षण केंद्र
- प्रशिक्षण केंद्र की देखरेख कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पिछले 13 साल से यहां प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है।
- महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने की ट्रेनिंग यहा दी जाती है।
- अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने यह जमीन ‘मनुज कल्याण संस्था’ को आवंटित की है।
जमीन वापस लेने पर भी जारी रखेंगे महिलाओं की ट्रेनिंग
- राहुल गांधी के लोकल रिप्रेजेंटेटिव चंद्रकांत दूबे कहते हैं कि यूपी में करीब 15 लाख महिलाएं राजीव गांधी महिला विकास योजना से जुड़ी हैं।
- ऐसे में यदि यूपी सरकार जमीन वापस भी ले लेती है, तब भी महिलाओं की ट्रेनिंग जारी रहेगी।
- महिलाओं को रोजगार देने का काम कांग्रेस हमेशा से करती आ रही है।