उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी अनुदानित और गैर-सरकारी अनुदानित मदरसों को अपनी जानकारी ऑनलाइन करने का आदेश दिया गया था, इसके साथ ही यह भी आदेश जारी किया गया था कि, जो मदरसे अपनी जानकारियां सरकार द्वारा बनाये गए पोर्टल पर अपलोड नहीं करेंगे उन मदरसों की मान्यता को रद्द कर दिया जायेगा, इसी क्रम में योगी सरकार ने पोर्टल पर जानकारी न देने वाले मदरसों की मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई(बोर्ड परीक्षा) भी शुरू कर दी थी, कार्रवाई की शुरुआत सबसे पहले सूबे के मुजफ्फरनगर जिले से हुई थी।
ऑनलाइन जानकारी न देने वाले मदरसे नहीं शामिल हो पाएंगे बोर्ड परीक्षाओं में(बोर्ड परीक्षा):
प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर सभी मदरसों को अपनी जानकारी को सरकार की वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा था, जिसके बाद सरकार ने ऑनलाइन जानकारी न देने वाले मदरसों पर कार्रवाई शुरू कर दी थी, जिसके बाद योगी सरकार ने ऑनलाइन जानकारी न देने वाले 836 मदरसों के बोर्ड परीक्षा देने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही मदरसों को बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरने की भी अनुमति नहीं दी गयी है। गौरतलब है कि, बोर्ड के पोर्टल पर अभी तक सिर्फ 2682 मदरसों ने ही अपना डाटा अपलोड किया है, जबकि करीब 19143 मदरसों को डाटा अपलोड करना है।
जिसके चलते छात्र मदरसे, मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, फाजिल की परीक्षाएं नहीं दे पाएंगे।
मुजफ्फरनगर के 18 मदरसों की मान्यता रद्द(बोर्ड परीक्षा):
सूबे की योगी सरकार ने सत्ता में आते ही मदरसों को अपनी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही ऑनलाइन जानकरी न देने वाले पोर्टलों की मान्यता को रद्द करने की भी बात कही गयी थी। गौरतलब है कि, योगी सरकार ने यह आदेश पारदर्शिता लाने के लिए किया था, जिससे मदरसों के अंतिम छात्र तक सरकार के अनुदान का लाभ पहुँच सका। इसी क्रम में जिन मदरसों ने अपनी जानकारी को ऑनलाइन नहीं किया था, सरकार ने उन पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। जिसकी शुरुआत प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से की गयी थी, जहाँ जिले के 18 मदरसों की मान्यता को रद्द कर दिया गया था। गौरतलब है कि, जिले में कुल 134 मदरसे हैं, जिनमें से सिर्फ 116 मदरसों ने ऑनलाइन जानकारी दी थी।