भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता कहे जाने वाले डॉ० भीमराव आंबेडकर के नाम में अब “रामजी” जुड़ने जा रहा है. जी हां, अब भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ अब उनके पिता ‘रामजी मालोजी सकपाल’ का नाम भी जोड़ा जाएगा.
जुड़ेगा पिता ‘रामजी मालोजी सकपाल’ का नाम:
बाबा साहेब के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल है. आम्बेडकर हमेशा से अपने पिता का नाम जोड़ते थे. जिसे अब सरकार ने दस्तावेजों में भी जोड़ने का आदेश दे दिया है.
राज्यपाल राम नाईक ने चलाया था अभियान:
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक आंबेडकर के नाम में बदलाव के लिए पिछले एक साल से अभियान चला रहे थे. उन्होंने नाम में बदलाव के लिए उस दस्तावेज का भी हवाला दिया था, जिसमें भीमराव आंबेडकर के हस्ताक्षरों में ‘रामजी’ नाम शामिल था. पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह खुद लिखता हो।
उसके बाद से ही राज्यपाल रामनाइक इसको लेकर 2017 से एक कैंपेन चला रहे हैं. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खत लिखा था. बता दें कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह “आंबेडकर” लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
कौन है आंबेडकर:
भारत के संविधान के निर्माणक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म साल 14 अप्रैल 1891 में हुआ था. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था. भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था.डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे. उन्होंने विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय थे. जब वह 1926 में भारत आए तब उन्हें मुंबई की विधानसभा का सदस्य चुना गया.
वह आजाद देश के पहले कानून मंत्री बने. साल 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ही सबसे पहले छुआछूत, दलितों, महिलाओं और मजदूरों से भेदभाव जैसी कुरीति के खिलाफ आवाज उठाई थी.
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के मुताबिक, राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की एक फोटो कॉपी भेजी थी, जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भी उनके नाम के साथ पिता का नाम जोड़ा जाता है. इस मामले में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा.
योगी सरकार ने राज्यपाल राम नाईक की सलाह के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने का आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री योगी ने सरकारी रिकॉर्ड्स में सभी जरूरी बदलावों के निर्देश भी दे दिए हैं.