उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, अधिकारी अपने मन और सुविधानुसार विभागों के नियम-कानून में बदलाव कर रहे हैं। जिसके तहत ताजा मामला आवास विकास में अधिकारियों की मनमानी(brahmaputra enclave) का है। जिसमें अधिकारी अपने हिसाब से सर्किल रेट आदि तय कर रहे हैं। जिसके लेकर आवंटियों की आवास विकास अधिकारियों सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के.ऐ. सिंघल व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में कमिश्नर महेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के परिणामस्वरूप AHC, और SE ने UPAVP कमिश्नर को सर्किल रेट को 32500 से 28000 करने की अनुशंसा की थी।
प्रोजेक्ट की कार्यस्थिति की रिपोर्ट देने की बात(brahmaputra enclave):
- आवंटी नीरज गुप्ता, शेलेंद्र सिंह, संदीप राठी, रितेश रावत, मुकेश गुप्ता,
- सभी आवंटियों की तरफ से आवास विकास कमिश्नर को लिखित पत्र दिया गया था।
- यह पत्र सर्किल रेट को रिवाइज करने और कार्य को दीवाली से पहले पूरा करने के संदर्भ में था।
- जिस पर कमिश्नर ने कार्यवाही करने का वादा किया था।
- इसके साथ ही उन्होंने AHC से तुरन्त बात करके प्रोजेक्ट की कार्यस्थिति की रिपोर्ट देने को भी कहा था।
- AHC, SE की अनुशंसा पर सर्किल रेट रिवाइज करने का मुद्दा आवास विकास की बोर्ड मीटिंग में रखा गया था।
- जिसमें सदस्यों ने लीगल कमेटी में सुझाव के लिये भेज दिया।
अलॉटमेंट को लेकर अधिकारियों का खेल(brahmaputra enclave):
- जिसके बाद आवंटियों को फिर अगले बोर्ड मीटिंग तक इंतजार करना होगा।
- अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि, ये निर्णय बुकलेट में लिखे नियम से अलग है इसलिये इसे लीगिल कमिटी के पास भेजा गया है।
- जबकि IAS, SE का कहना है कि, सर्किल रेट हमेशा फ्लैट के अलॉटमेंट डेट से लगाया जाता है ना कि, फ्लैट के नंबरिंग ड्रा के सर्किल रेट के डेट के अनुसार।
- अगर अधिकारियों ने गलत चीज बुकलेट में लिख दी तो क्या वो सही हो जाएगी?
- जो नियम आवास विकास के सभी प्रोजेक्ट के लिये हैं वो नियम इस प्रोजेक्ट के लिये अलग कैसे हो सकते हैं?
- आवंटियों का कहना ये हैं कि, अगर इस बात पर बुकलेट के नियम माने जा रहे हैं तो फिर बुकलेट अनुसार फ्लैट आवंटियों को लेटर जारी करने की डेट 23.12.13 से 24 माह के अंदर मतलब 23.12.15 तक फ्लैट दे देना था, जोकि अभी भी नही मिला hai।
- तो क्या आवास विकास RERA नियमानुसार आवंटियों को 2 साल की देरी पर ब्याज देंगे?
- आवास विकास ने बिना बताए 4 साल बाद टँकन त्रुटि करके भी 1.8 लाख की कीमत बढ़ा दी, क्या ये नियमानुसार है?
ब्रम्हपुत्र कॉलोनी को लेकर खेल(brahmaputra enclave):
- पीड़ित के अनुसार, क्या बुकलेट में टँकन त्रुटि करके ऐसे कीमत बढ़ाई जा सकती है?
- 2 हजार आवंटी किराये के मकानों में रह रहे हैं, लोन पर ब्याज दे रहे हैं,
- जिस फ्लैट की बताई कीमत से भी 2 लाख ज्यादा की कीमत अक्टूबर 2015 तक जमा कर दिए थे, वो फ्लैट आवंटियों को अभी तक नही दिये।
- अब आवास विकास अपने सुविधानुसार कानूनों का हवाला दे रहा है।
- आवंटियों ने मुख्यमंत्री के ग़ाज़ियाबाद दौरे से पहले भी लिखित पत्र नेताओ को दिया।
- जिस पर एक सप्ताह में मदद का भरोसा दिया था पर कोई कार्यवाही नही हुई।
- आवंटियों ने कई पत्र विधायक अतुल गर्ग को दिया गया पर किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की।
ये भी पढ़ें: आवंटियों को आश्वासन मिल रहा, फ्लैट नहीं!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें