उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) में शुक्रवार को ऑक्सीजन की सप्लाई ख़त्म होने से करीब 50 से अधिक लोगों की मौतें हो गयी थी, जिसमें से करीब 3 दर्जन बच्चे थे। हादसे के बाद योगी सरकार की हर जगह किरकिरी हुई और सरकार पर लापरवाही समेत कई आरोप भी लगे, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन योगी सरकार के साथ ही मामले में एक अन्य आरोपी भी है, जिसके बारे में कोई बात नहीं की जा रही है, उल्टे उसे सिस्टम और भ्रष्टाचार का मारा बताकर पेश किया जा रहा है, जो अपने आप में शर्मनाक है। क्या आप जानते हैं जिस कंपनी ने 63 लाख रुपये के लिए बच्चों की ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी, उसका सालाना टर्नओवर तकरीबन 250 करोड़ के आस-पास है।
इतनी बड़ी कंपनी ने सिर्फ 63 लाख के लिए 30 बच्चों को मरने दिया(BRD medical college):
- गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज हादसे के बाद योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी,
- जो कि, समय और परिस्थिति के हिसाब से एकदम जायज हैं।
- उस पर से सरकार के बेतुके बयानों ने जनता के दिल को और चोट पहुंचाई।
- लेकिन पूरे मामले में ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली कंपनी को सिस्टम और भ्रष्टाचार का शिकार दिखाया गया।
- जबकि 30 बच्चों की मौत के लिए जितनी सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है,
- उतनी ही वो कंपनी भी जिसकी वजह से 30 बच्चों ने बिना ऑक्सीजन दम तोड़ दिया।
- BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई का टेंडर पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी के पास है।
- अब आप इस बात से अंदाजा लगाइए की,
- पुष्पा सेल्स की सिर्फ बेस वैल्यू 21 करोड़ रुपये की है।
- इतनी बड़ी कंपनी ने मात्र 63 लाख रुपयों के लिए 50 से ज्यादा लोगों को मरने दिया।
- जिसमें करीब 30 से अधिक बच्चे शामिल थे।
2010-11 में कंपनी का टर्नओवर 250 करोड़ था(BRD medical college):
- पुष्पा सेल्स के मौजूदा निदेशक मनीष हैं, यह कंपनी उनके पिता चंद्रशेखर भंडारी ने शुरू की थी।
- कंपनी का हेड ऑफिस लखनऊ और कॉर्पोरेट ऑफिस दिल्ली में मौजूद है।
- कंपनी की बेस वैल्यू 21 करोड़ रुपये की है।
- साथ ही BRD मेडिकल कॉलेज के साथ कंपनी ने 2014 में टेंडर लिया था।
- पेमेंट का झगड़ा साल 2016 में नवम्बर से शुरू हुआ था।
क्या सिर्फ 63 लाख रुपये के लिए सप्लाई बंद करने वाली कंपनी बच्चों की मौत की जिम्मेदार नहीं(BRD medical college):
- पुष्पा सेल्स ने BRD में 63 लाख के बकाये पेमेंट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी।
- इतनी बड़ी और इतने लम्बे समय से काम कर रही कंपनी क्या ऑक्सीजन रोकने के बाद बच्चों की मौत जिम्मेदार नहीं है?
- या 63 लाख रुपये 50 से ज्यादा जानों और इंसानियत से ज्यादा कीमती हैं।
विवादित रही है कंपनी(BRD medical college):
- पुष्पा सेल्स ही BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करती थी, जो पहले से कई विवादों में रही है।
- वहीँ सूत्रों की मानें तो यह कंपनी ब्लैक लिस्टेड भी है।
- सूत्रों के अनुसार, कंपनी को कई संस्थानों ने ब्लैकलिस्टेड किया है।
- KGMU के शताब्दी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का काम भी कंपनी को दिया गया था।
- जिसके तहत साढ़े तीन करोड़ के टेंडर को मात्र 80 लाख रुपये में दे दिया गया था।