उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के BRD मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 50 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी, जिसके बाद योगी सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। वहीँ मामले में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को सिस्टम और भ्रष्टाचार का पीड़ित बताया गया। लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी और कंपनी को मिलने वाले टेंडर के मामले में रविवार 13 अगस्त को एक नया खुलासा हुआ है।
मोदी फार्मा का दावा, टेंडर कैंसिल किये बिना दूसरी कंपनी को दिया गया टेंडर(BRD medical college):
- BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को दिए गए टेंडर के मामले में नया मोड़ आ गया है।
- गोरखपुर में स्थित मोदी फार्मा ने रविवार को यह दावा किया है कि,
- उनका टेंडर कैंसिल किये बिना इम्पीरियर सेल्स को 2017 में टेंडर दे दिया गया था।
- यह जानकारी मोदी फार्मा के निदेशक प्रवीण मोदी ने दी।
- BRD मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद कॉलेज प्रशासन पर टेंडर को लेकर सवाल उठे थे।
- वहीँ ऐसा भी कहा जा रहा है कि, मोदी फार्मा और पुष्पा सेल्स के दामों में भी अंतर है।
45 किमी दूर स्थित कंपनी को छोड़ 350 किमी दूर से ऑक्सीजन की सप्लाई क्यों(BRD medical college):
- BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने का टेंडर साल 2014 में पुष्पा सेल्स को दिया गया था।
- मामले में कॉलेज प्रशासन पर टेंडर को लेकर काफी सवाल उठे थे।
- जिसके तहत गोरखपुर से 45 किमी दूर पर मोदी फार्मा ऑक्सीजन सप्प्लायर की कम्पनी है।
- उसके बावजूद टेंडर गोरखपुर से 350 किमी दूर राजधानी लखनऊ स्थित पुष्पा सेल्स को क्यों दिया गया?
- इतना ही नहीं जब मोदी फार्मा का टेंडर कैंसिल नहीं किया गया तो उसकी जगह दूसरी कंपनी को टेंडर क्यों दिया गया?
- इस बात की जानकारी खुद मोदी फार्मा के निदेशक ने दी है।