लखनऊ में गुरूवार को ब्रेकथ्रू संस्था द्वारा कैफे टॉक चर्चा का आयोजन किया गया. इस चर्चा का विषय महिला सुरक्षा था. जिसमें लोगों ने सेफ स्पेस के संदर्भ में महिला सुरक्षा पर अपने विचार रखे. इस दौरान uttarpradesh.org के सीईओ और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिल तिवारी और रेडियो मिर्ची से आरजे हर्षिता ने महिला सुरक्षा को लेकर अपने विचार छात्रों के संग सांझा किये.
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिल तिवारी और आरजे हर्षिता ने रखे विचार:
साइबर स्पेस पर जब कोई हमारी बात से असहमत होता है तो लोग विरोध जताने के लिए ट्रोलिंग का सहारा लेने लगते हैं. आज के दौर में ट्रोलिंग उत्पीड़न का एक हथियार बन गया है. ऐसी ही कुछ बातें ब्रेकथ्रू संस्था द्वारा आयोजित कैफ़े टॉक की चर्चा के दौरान सामने आईं.
ब्रेकथ्रू संस्था द्वारा आयोजित इस चर्चा में आरजे हर्षिता, uttarpradesh.org के सीईओ और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिल तिवारी शामिल हुए. इन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर अपने विचार रखे. इस दौरान कई छात्र भी इस चर्चा में शामिल हुए और एक्सपर्ट्स के विचारों से रूबरू हुए.
#breakthrough organized a #CafeTalk on ' #CreatingGenderInclusiveSaferSpaces ,where RJ Harshita from Radio Mirchi, Anil Tiwari,eminent social media expert and CEO of @WeUttarPradesh ,many shared their views @Interceptors @INBreakthrough @RadioMirchi @nadeemwrites pic.twitter.com/Qj3qq2nXBs
— #LucknowPage3 (@WeLucknowPage) July 20, 2018
ब्रेकथ्रू संस्था से अनिका ने कहा कि वैसे तो सोशल मीडिया पर लोग ऑनलाइन स्पेस और असल ज़िन्दगी को अलग अलग जगह की तरह देखते हैं. ऑनलाइन में कुछ भी बोलने की आज़ादी का गलत फायदा भी उठाया जाता है और लोग ये नहीं सोचते कि किसी और को उनकी वजह से किस तरह की हानि हो रही है.
उन्होंने बताया कि जब किसी लड़की के साथ ऑनलाइन ट्रॉलिंग होती ह, तब लड़की का परिवार उसका फोन छीन लेता है,मगर ऑनलाइन शोषण करने वाले को कोई कुछ नहीं कहता.
ध्यान खींचने के लिए भी होती है ट्रोलिंग:
वहीं रेडियो मिर्ची की आरजे हर्षिता ने बताया कि अक्सर सोशल मीडिया पर अपने फैन्स से बातचीत के दौरान उन्होंने देखा है कि लोग अपनी तरफ़ ध्यान खींचने के लिए भी ट्रोलिंग करते हैं ताकि हमें गुस्सा आए और हम गुस्से में उन्हें कुछ गलत कहें.
आरजे हर्षिता ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए और फिर भी अगर यह समस्या जारी रहे तो उन्हें ब्लाक कर देना चाहिए.
उन्होंने मौजूद लोगों को सलाह दी कि ज़मीनी स्तर से ले कर सोशल मीडिया तक उत्पीड़न किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करना चहिए. उन्होंने ये भी कहा कि हमें समाज में सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक साथ आगे आना होगा और सबके साथ चलना होगा.
वहीं ब्रेकथ्रू संस्था से माला ने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि अमूमन आज के दौर में अगर कोई भी आप से उत्पीड़न करे तो तत्काल प्रभाव से हमें ऐसी बातों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर देखा गया है कि लोग कानूनी कार्रवाई की बात सुनते ही ऐसी हरकतों के लिए माफ़ी माँगने लग जाते हैं. इसलिए ऐसी किसी भी हरकत का विरोध करना चहिए.
पैसों के लिए भी होती है ट्रोलिंग:
uttarpradesh.org के सीईओ और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिल तिवारी ने बताया कि आज के दौर में ट्रोलिंग एक बड़े व्यापार के रूप में बन गया है. ज़्यादातर लोग चंद पैसों के लिए भी ट्रोलिंग करते है जिसमे उन्हें कुछ 5 से 6 हजार रूपए तक का फायदा होता है.
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिल तिवारी ने ये भी बताया कि ट्रोलिंग करने वाले एक संघटित समूह में काम करते हैं और हीन भावना से ग्रस्त होते हैं. शायद यही वजह है कि जब किसी मुद्दे पर ट्रोलिंग होती है तो फ़िर सब एक समूह बना कर आते हैं और परेशान करना शुरू कर देते हैं.
उन्होंने लोगों को इस तरह की हरकतों से निपटने के लिए सलाह देते हुए बताया कि अगर कोई आपको परेशान करता है तो सबसे पहले सरकारी महिला हेल्पलाइन जैसे 1090 इत्यादि पर अपनी शिकायत दर्ज करें. इसके अलावा सबूत के रूप में सभी स्क्रीनशॉट सम्भाल कर रखें और ज़रुरत पड़ने पर एफ़आईआर दर्ज करवाएँ.
ब्रेकथ्रू संस्था से विनीत ने कहा कि हमें सेफ स्पेस के मुद्दे को समझना होगा और इसे अपने कल्चर में अपनाना होगा. इसके अलावा हमें एक समूह के रूप में आगे बढ़ना होगा ताकि इस समस्या के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाई जा सके.
कार्यक्रम में सुप्रिया,रजत,अंशिता,अभिषेक,लविषा,सलाउद्दीन सहित कई छात्रों ने हिस्सा लिया | ब्रेकथ्रू की तरफ से कार्यक्रम का संचालन विनीत ने किया.