बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र के पालिया खास बड़का खेत निवासी एक आर्मी के जवान की हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। बीएसएफ के जवान की तैनाती बांग्लादेश के बार्डर पर थी। जहां रविवार को अचानक से सीने में दर्द उठ जाने के कारण हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पैतृक आवास पहुंचा। जिसके बाद गांव में मातम पसर गया।
1991 में हुए थे भर्ती
बता दें कि महेंद्र ठाकुर पुत्र सुदर्शन ठाकुर बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित चांदगंज मे बीएसएफ की 167 वीं बटालियन में तैनात थे। रविवार की सुबह उन्हें अचानक सीने में दर्द शुरू हुआ जिसके बाद साथियों ने उन्हें रायगंज के सरकारी जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां सुबह 10ः00 बजे के करीब उनका निधन हो गया। वह 1991 में आसाम से भर्ती हुए थे। पोस्टमार्टम के बाद बटालियन के मेजर देवेंद्र पुर्ती के नेतृत्व में एक दल उनका शव तिरंगे में लपेटकर उनके पैतृक गांव पहुंचा और उनके पार्थिव शरीर को परिजनों को सौंप दिया।
पुत्र ने दी मुखाग्नि
महेंद्र ठाकुर का अंतिम संस्कार गांव के ही गंगा घाट पर कर दिया गया। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र धनजी ठाकुर ने दिया। उनके पार्थिव शरीर को बीएसएफ के जवानों ने मातमी धुन बजाकर गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
बेटी के विवाह की थी चिन्ता
महेंद्र ठाकुर अभी 24 मार्च को ही लंबी छुट्टी बिताकर गांव ड्यूटी पर वापस गए थे। उन्हें अपनी पुत्री के विवाह की चिंता सताए जा रही थी। जिसके लिए उन्होंने काफी दौड़-भाग भी किया था, लेकिन कहीं षादी तय नहीं हो पाई थी। तीन भाइयों में दूसरे नम्बर पर महेंद्र थे जिनके बड़े भाई जीवित ठाकुर भी बीएसफ में थे और उनकी मृत्यु भी 12 मार्च 2006 को तैनाती के दौरान हृदय गति रुकने से ही हुई थी। छोटा भाई भरौली में सैलून की दुकान चलाता है। महेंद्र ठाकुर को 3 पुत्र धनजी, आशीष व सतीश और एक लड़की बबली है।
दाह संस्कार के लिए दी नगद धनराशि
शव के साथ आये अधिकारी ने महेंद्र की पत्नी मन्जू देवी को विभिन्न मदों के कुल तैंतीस हजार की नकद राशि दाह संस्कार के लिए सौपा। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बंशीधर यादव, भाजपा नेता अंजनी राय, जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि वीरलाल यादव, ग्राम प्रधान रणविजय राय, सत्येंद्र गोड़, शिवनारायण यादव, लल्लन यादव, सर्वदेव यादव, विद्यासागर मिश्रा, टुनटुन राय, आदि लोगों के साथ ही सैकड़ों की भीड़ मृत सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित थी।