पाकिस्तान के बॉर्डर पर देश की रक्षा करने वाला जवान ही सिस्टम से परेशान है। पीएम मोदी और सीएम योगी से अपनी गुहार लगाने के बाद अब फौजी सूबेदार जगवीर सिंह ने किसी भी हद तक जाने के लिए प्रशासन को चेतावनी दी है। बता दें कि भूमाफियाओं से परेशान होकर हमारे देश का बीएसएफ का जवान दर-दर की ठोकरें खा रहा है। लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। सरहद पार रक्षा करने वाला जवान उत्तरप्रदेश के सिस्टम के सामने बेबस नजर आ रहा है। इस मामले पर मेरठ डीएम अनिल ढींगरा ने बयान देते हुए फौजी पक्ष को ही गलत बता डाला। डीएम ने भूमाफिया को बिल्कुल सही बताया। बता दें कि uttarpradesh.org लगातार फौजी को न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज उठा रहा है।
फौजी की जमीन पर भूमाफियाओं ने किया कब्ज़ा
बॉर्डर सुरक्षा फोर्स यानी बीएसफ के एक जवान ने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई तो मेरठ जिलाधिकारी कार्यालय में सभी की आंखे भर आयीं। नायब सूबेदार जगबीर सिंह ने बताया कि वह मेरठ जिला के इचौली थाना क्षेत्र के जलालाबाद उर्फ जलालपुर गांव का रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम मंगलू सिंह है। उनके पिता की गांव में ही खसरा नंबर 486 पर 4820 मीटर जमीन है। जबकि फौजी की पत्नी सीमा सिंह के नाम खसरा नंबर 485 की जमीन है। इस जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। फौजी कारगिल युद्ध में भी भाग ले चुका हैं।
इस समय वह गुजरात में पाकिस्तान के बॉर्डर पर तैनात है। फौजी के मुताबिक, भूमाफियाओं ने फौजी की जमीन कब्जा ली है। जब वह स्थानीय थाने पर गया तो पुलिस ने उसे भगा दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की तो उन्होंने एसडीएम सरधनाराकेश कुमार को कार्रवाई के लिए लिख दिया। आरोप है कि एसडीएम ने भूमाफियाओं से साठ गांठ करके जमीन कब्जा करवा दी।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि फौजी की जमीन पर एसडीएम ने ही कब्ज़ा करवाया है, उसे थाने से मदद दी जा रही है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी होने के चलते एक एसओ स्तर के थानाध्यक्ष की नहीं चलती है। शुक्रवार को जब फौजी जिलाधिकारी मेरठ के कार्यालय गया तो उसके साथ अधिकारियों द्वारा अभद्र व्यव्हार किया गया। पीड़ित फौजी ने एसडीएम सरधना पर अभद्र व्यववाहर करने का आरोप लगाते हुए डीएम और कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई है।
डीएम कार्यालय में रोया फौजी, बॉर्डर पर आत्मदाह करने की दी चेतावनी
फौजी ने रोते हुए बताया कि वह बॉर्डर पर 24 घंटे देश की सेवा के लिए तैनात रहता है। उसके बूढ़े पिता हैं जो चलने फिरने में असमर्थ हैं। वह देश सेवा करे या घर की सेवा करे। पीड़ित फौजी ने कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह बॉर्डर पर जाकर आत्मदाह कर लेगा। वैसे भी 24 घंटे देश के लिए शहीद होने को वह तैयार रहता है। अगर देश के लिए नहीं तो वह अपने घर और परिवार के लिए आत्मदाह करके शहीद हो जायेगा।
बैंक से लोन लेकर पीड़ित बनवा रहा घर
पीड़ित फौजी ने बताया कि उसने विजया बैंक से 10 लाख रूपये का लोन लिया है। उसके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। उसने 7 लाख रुपये जमीन मालिक को दे दिया। बाकी के रूपये में मकान बनवा रहा था। पैसे कम पड़ गए तो उसने सोचा कि गेहूं की फसल बेचकर मकान बनवाएगा। लेकिन जब वह ड्यूटी पर गया तो पता चला कि उसकी जमीन पर एसडीएम ने कब्जा करवा दिया है।
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