उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर हो रहे विधान परिषद चुनाव के लिए बसपा ने भीमराव अंबेडकर को मैदान में उतारा है. भीमराव अम्बेडकर ने आज विधानसभा पहुच कर बसपा के एमएलसी प्रत्यासी के रूप में नामांकन दर्ज करवा लिया है. इससे पहले मायावती ने राज्यसभा चुनाव में भी भीमराव अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया था. वहीं सपा ने इस बार भी बसपा प्रत्याशी के समर्थन का फैसला किया है, जिसके चलते सपा 2 सीटों में से एक पर ही अपना प्रत्याशी उतारेगी और एक पर बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी.
राज्यसभा चुनाव में भी बसपा प्रत्याशी थे भीमराव अम्बेडकर:
अपनी नई दोस्ती को परवान चढ़ाने के लिए सपा ने आगामी विधानपरिषद चुनाव में बसपा को एक सीट पर समर्थन देने का फैसला किया है. जिसमे सपा विधानपरिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बसपा का समर्थन करेगी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भीम राव आम्बेडकर को एमएलसी के चुनाव के लिए नामित किया. इसी कड़ी में बसपा प्रत्याशी भीम राव आज विधानसभा पहुंचे. भीम राव आम्बेडकर ने बसपा की ओर से विधान परिषद के चुनाव के लिए नामांकन करवाया. उनके साथ बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा व बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा भी मौजूद थे.
गौरतलब है की मायावती ने राज्यसभा चुनाव में भी भीमराव अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया था. इस समय सपा-बसपा ने मिलकर भीमराव अंबेडकर को जिताने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन बीजेपी के समीकरण और बीएसपी विधायक की क्रॉस वोटिंग सहित तमाम वजहों के चलते, वे जीत नहीं सके थे. इसके बावजूद बसपा ने एक महीने के अंदर ही दूसरी बार भीमराव पर भरोसा किया है. इस बार भी राज्यसभा की तरह सपा एमएलसी के चुनाव में भी बसपा को समर्थन करेगी.
नामांकन के बाद सतीश चन्द्र मिश्रा ने विधान परिषद के चुनाव में सपा के समर्थन पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “हम अपनी नेता बसपा सुप्रीमो का धन्यवाद करते हे. जैसे की आप जानते है की कल रात में ही सपा ने हमारे उम्मीदवार को समर्थन दिया है.”
बीजेपी पर सवाल पर उन्होंने कहा, ” इस बार अगर बीजेपी चार ज़्यादा भी उम्मीदवार खड़ा करती है, तो भी कोई दिक़्क़त नहीं होगी. पिछली बार भीम राव अम्बेडकर के नाम से बीजेपी को परेशानी थी. उन्होंने सत्ता के नशे में चूर होकर पूरी ताक़त लगा के रोकने की कोशिश की थी पर इस बार उनकी सारी ताक़त निष्फल होगी और हमारे प्रत्याशी की जीत होगी.”