छठे चरण में चुनाव लड़ रहे 17 फीसदी प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण सपा के गंभीर मामले दर्ज हैं।
- लेकिन इनमें कुछ कर्जदार प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं।
- उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर चल रहे चुनावी महासंग्राम के दौरान नेताओं का काला चिट्ठा बुधवार को यूपी प्रेस क्लब में पेश किया।
- इन दागी नेताओं के कई मंत्रियों के ऊपर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
- कई मंत्रियों के ऊपर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर केस दर्ज हैं।
- जबकि कई मंत्रियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने जैसे अपराध शामिल हैं।
- चुनाव आते ही विभिन्न दलों में प्रत्याशियों को चुनने की होड़ सी लग जाती है।
- ऐसे में सियासी दल अपने फायदे के लिए दागी तथा अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन करने में गूरेज नहीं करती हैं।
- लेकिन इलेक्शन वाच द्वारा निरन्तर चलायी जा रही जागरूकता के कारण इस बार अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के खिलाफ रिपोर्ट पेश कर इनके कारनामे उजागर कर रहा है।
मुख्तार अंसारी पर सबसे ज्यादा कर्ज
- मऊ के बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी पर सबसे ज्यादा 6 करोड़ का तो मुबारकपुर के बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली पर 2 करोड़ का कर्ज है।
- जहां तक शैक्षिक योग्यता का सवाल है तो छठे चरण में मैदान में उतरे 53 फीसदी प्रत्याशी स्नातक या इससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त है।
- इस चरण में भी बड़ी तादाद में युवा प्रत्याशी मैदान में हैं।
- छठे चरण का चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों में 67 फीसदी की आयु 25 से 50 साल के बीच है।
चुनावी मैदान में 635 प्रत्याशी
- उतर विधनासभा के छठे चरण के प्रत्याशियों के आपराधिक, आर्थिक व शैक्षणिक रिकार्ड की विस्तृत समीक्षा प्रदेश के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) व यूपी इलेक्शन वॉच ने जो रिपोर्ट जारी की है।
- उसके मुताबिक बड़े पैमाने पर बाहुबली व धनबली चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
- एडीआर ने छठे चरण में नामांकन करने वाले सभी 635 प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करते समय दिए गए शपथपत्रों के आकलन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।