2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एकसाथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जहाँ इस गठबंधन पर खुलकर बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वहीँ बसपा सुप्रीमों मायावती ने अभी तक इस मामले में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गयी थी। इसमें सपा से गठबंधन पर बोलते हुए मायावती ने अखिलेश यादव के सामने बड़ी शर्त रख दी है।
मायावती ने बीजेपी पर बोला हमला :
देश के पीएम मोदी के कार्यकाल के 4 साल पूरे होने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने जमकर सरकार को घेरा। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये ‘सफेद झूठ’ बोलने वाली सरकार है। मायावती ने कहा कि मोदी सरकार 4 साल में हर मुद्दे पर फेल हो चुकी है। गरीबों, मजदूरों, किसानों को सिर्फ महंगाई और बेरोजगारी मिली है। डीजल-पेट्रोल की बढ़ोत्तरी पर मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार जनता से सफेद झूठ बोलती है। भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने आ गया। इनकी उल्टी गिनती अब शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ऐतिहासिक रूप से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं। तेल की बढ़ी कीमतों से पूरे देशवासी परेशान हैं। मायवती ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इनकी कीमतें कम न की गईं तो उनकी पार्टी देशव्यापी आंदोलन करेगी।
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सपा के सामने रखी शर्त :
बसपा सुप्रीमों मायावती लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान सपा से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी राज्य में और किसी भी चुनाव में किसी पार्टी के साथ केवल सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही वहां कोई चुनावी समझौता करेगी अन्यथा बीएसपी अकेले ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारी पार्टी की उत्तर प्रदेश सहित कई और राज्यों में भी गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बातचीत चल रही है लेकिन फिर भी आप लोगों को हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिये अपने-अपने प्रदेश में पार्टी के संगठन को हर स्तर पर तैयार करना है।