बीते दिनों उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनावों में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा को जीत दिलवाने में काफी मदद की थी। बसपा सुप्रीमों के इस कदम से साफ़ था कि वे आगामी 2019 के आम चुनावों में सपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर सख्त समझौता करेगी। इसके अलावा ज्यादा सीटों को घेरने के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने लोकसभा सीट की तलाश शुरू कर दी है। इस बीच मायावती के 2 लोकसभा सीटों के अपने लिए सुरक्षित रखने की चर्चाएँ सियासी गलियारों में चल रही है।
माया ने खुद को बताया सीनियर :
बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से ज्यादा अनुभवी और सीनियर है। अपने इस बयान से उन्होंने साफ़ कर दिया कि सपा के लिए 2017 विधानसभा चुनाव और पिछले लोकसभा चुनावों में बसपा से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी सीटों का बंटवारा आसान नही होगा। इसके अलावा कार्यकर्ताओं के बीच पहुँच बनाने के उद्देश्य से बसपा सुप्रीमों मायावती खुद लोक सभा चुनाव में किसमत आजमा सकती हैं। वर्तमान में वे किसी सदन की सदस्य नहीं है। मायावती के खुद लोकसभा चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं में भी एक ख़ास जोश आयेगा।
मायावती ने 2 सीटें रखी सुरक्षित :
बसपा प्रत्याशियों ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी थी। गठबंधन में इन्हीं सीटों पर बसपा अपना दावा कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को 20 फीसदी वोट मिले थे जबकि सपा को 22 फीसदी वोट मिले थे। इसके बाद भी बसपा लोकसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी थी। बसपा के कारण ही कई भाजपा प्रत्याशी मामूली अंतर से चुनाव जीते थे। आगामी लोकसभा चुनाव के पहले खबरें हैं कि मायावती ने बिजनौर तथा अंबेडकरनगर की सीट सुरक्षित रखी है और इन्हीं में से 1 या दोनों से मायावती अपना लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं।