2019 के लोकसभा चुनाव की सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा और बसपा ने भी गठबंधन के बाद बीजेपी को रोकने की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा बसपा भी अपनी तैयारियों में लगी हुई है। इस बीच बसपा से फिर एक और वरिष्ठ नेता की छुंट्टी कर दी गई। इस बार हाईकमान की गाज बरेली मंडल मुख्य जोन इंचार्ज पर गिरी है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय मुखिया मायावती ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने व अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया गया है।
बसपा नेता हुआ निष्कासित :
बरेली मंडल मुख्य जोन इंचार्ज महेश चौधरी को लेकर बसपा में हमेशा से गतिरोध रहा है। उन्हें बीते समय में कई बार पार्टी में शामिल किया गया और फिर निष्कासित भी किया गया। करीब तीन साल पहले उन्होंने पार्टी में वापसी के बाद कई महत्वपूर्ण पद संभाले। तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच वह पार्टी में ताकतवर नेता के रूप में तेजी से उभरे। 2011 में निष्कासित होने के बाद 2015 में उनकी वापसी हुई। जिला प्रभारी समेत कई पदों पर रहे। 23 मार्च 2017 को छेरत फार्म हाउस में वरिष्ठ नेता सुनील चित्तौड़ से अभद्रता के मामले में उन पर गाज गिरी, मगर अगस्त 2017 को पुन: जोन कोऑर्डिनेटर का दायित्व सौंपा गया। चार अप्रैल को उन्हें बरेली मंडल का मुख्य जोन इंचार्ज बनाकर भेजा गया। गुरुवार को हाईकमान के निर्देश पर उन्हें निष्कासित करने की घोषणा की गई।
महेश चौधरी ने दी सफाई :
बसपा के जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव ने बताया कि महेश चौधरी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने व अनुशासनहीनता का आरोप है। इन आरोपों पर महेश चौधरी ने कहा कि कुछ तत्व पार्टी को कमजोर करने में जुटे हुए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई और उन्हें सजा भी दिलाई थी। उनके इस काम से उनके खिलाफ साजिश रचकर बहनजी को गुमराह किया गया। मगर उन्हें ज्यादा समय तक कोई गुमराह नहीं कर सकता। उनका जीवन बहनजी और पार्टी के लिए समर्पित है। वो जो भी करेंगी, सही करेंगी।