MP में सरकार को समर्थन दे रही बसपा ने समर्थन वापस लेने की दी धमकी
लखनऊ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ है कि सरकार को समर्थन दे रही बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी है। बसपा के दो विधायकों ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है। बसपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अप्रैल में एससी-एसटी के भारत बंद आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों की वापसी की मांग को लेकर एक तीर से दो निशाना साधा है।
- मायावती ने मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेसी सरकार को चेतावनी दी है।
- अगर दलित और आदिवासी समाज पर दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लिए।
- फिर इन सरकारों को बाहर से समर्थन देने के मामले में दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
दर्ज किए गए मामलों को कांग्रेस सरकार तत्काल ले वापस
बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट 1989 के लिए 2 अप्रैल को आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान दर्ज किए गए मामलों को कांग्रेस सरकार तत्काल वापस ले। मायावती ने कहा है कि दलित और आदिवासी समाज ने एससी-एसटी कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों की प्रोन्नति में आरक्षण की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर दो अप्रैल को आंदोलन किया।
- उन्होंने कहा है कि अगर मामलों को वापस नहीं लिया जाता है तो हमारा सरकार को समर्थन देना बेकार है।
- बसपा ने कहा कि हम कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।
- मायावती ने अपनी इस मांग से जहां कांग्रेस की घेरेबंदी की है वहीं भाजपा को भी आरोपों से घेर दिया है।
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत भाजपा शासित राज्यों में जातीय व राजनीतिक द्वेषवश निदरेष लोगों को फंसाया गया।
- उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के विरुद्ध लोगों को प्रेरित किया।
- कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जबरन थोपे गए अनेक प्रकार के भयावह संकट को समाप्त करने के लिए सही सरकार का चयन करें।
- उन्होंने कहा कि नए वर्ष से पहले ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के अहंकार को जनता ने तोड़ दिया है।
कांग्रेस सरकार को अन्य पार्टियों के विधायकों और निर्दलियों के प्रति अधिक होना चाहिए उदार
इससे पहले भी बसपा विधायक संजीव सिंह उर्फ संजू ने कहा था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अन्य पार्टियों के विधायकों और निर्दलियों के प्रति अधिक उदार होना चाहिए क्योंकि उनके समर्थन के कारण विधानसभा में उसे बहुमत मिला है। राज्य में कांग्रेस सरकार और उसके नेतृत्व को बसपा के दो विधायकों के उनके प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए। उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
- सत्तारूढ़ पार्टी को अपने सहयोगियों के प्रति अधिक उदार होना चाहिए।
- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस को 230 सदस्यीय विधानसभा में सबसे अधिक 114 सीटें मिली जबकि भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली थी।
- बहुजन समाज पार्टी के दो के साथ ही साथ समाजवादी पार्टी के एक विधायक के साथ कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने बहुमत का आकड़ा छू लिया था और राज्य में सरकार बनाई थी।
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