पूर्वांचल में लोग जिस कुख्यात अपराधी के नाम से थर-थर कांपते थे उस मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई जिस पर करीब 40 हत्याओं का आरोप था। मुन्ना बजरंगी की हत्या ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। मुन्ना बजरंगी बागपत में बसपा में पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में काय लाया गया था जहाँ पर पहले से जेल एन बंद एक कैदी सुनील राठी ने उसके गोली मार कर हत्या कर दी थी। अब इस मामले में बसपा सुप्रीमों मायावती ने बड़ा फैसला कर लिया है।

झांसी से बागपत आया था मुन्ना :

बागपत जेल में माफिया मुन्‍ना बजरंगी हत्‍याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। मुन्‍ना बजरंगी को झांसी से बागपत बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले पर सुनवाई के लिए लाया गया था। रात में मुन्‍ना को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था लेकिन अगली सुबह जेल में बंद अन्य कैदी सुनील राठी ने उसकी गोली मारकर हत्‍या कर दी थी। इस पूरे मामले में सुनील राठी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। सुनील राठी ने अपना जुर्म कबूल लिया है। मुन्‍ना बजरंगी की बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी जिसके लिए उसे झांसी जेल से बागपत लाया गया था।

बसपा ने की कार्यवाई :

इस मामले में बसपा ने मुन्ना के खिलाफ शिकायत करने वाले पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित को पार्टी से निकालकर सबको हैरान कर दिया है। दो बार विधायक रह चुके लोकेश दीक्षित को बसपा ने निकाल दिया है। इस कार्यवाई पर पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित का कहना है कि उन्होंने पार्टी को हमेशा समय दिया है और लोगों के लिए काम किया है। दो बार जनता ने उनको सम्मान दिया है। वह जल्द ही जनता के साथ इस पर मंथन करेंगे और नई पार्टी से अपनी राजनीति जारी रखेंगे। माना जा रहा है कि बसपा ने इस केस में नाम आने से बचने के लिए पूर्व विधायक से किनारा कर लिया है। लोकेश दीक्षित ने भी मुन्‍ना की हत्‍या के बाद अपनी जान को खतरा बताया था।

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