राजधानी में गुरुवार को इन्वेस्टर्स समिट में देशभर के नामी-गिरामी उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश की घोषणा की. इस दौरान करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये निवेश की घोषणा हुई. सबसे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया. समिट में सबसे पहले अपनी कंपनी के निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि यूपी के हर गांव में जियो पहुंचेगा. दिसंबर तक हर गांव को हम जियो कनेक्टिविटी से जोड़ देंगे, लेकिन राजधानी में सम्पन्न हुई इस इन्वेस्टर्स समिट को बसपा सुप्रीमो मायावती ने फैशन बताते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला है.
यूपी में भी इन्वेस्टर्स समिट का बुखार:
आपको बता दें कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट पर बसपा सुप्रीमो ने निशाना साधते हुए इसे सरकारी धन का दुरूपयोग बताया है. मायावती ने एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए कहा है कि इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन वर्तमान में एक फैशन बन गया है. जिसके नाम पर खासकर बीजेपी सरकारे सरकारी धन पानी की बहाती हैं.
आगे उन्होंने कहा कि जनता की इस गाढ़ी कमाई से गरीबों मजदूरों व बेरोजगार युवाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण काम किए जा सकते थे. इतना ही नहीं इससे लाकोहों किसानों को कर्ज से मुक्ति भी मिल सकती थी.
आपको बता दें कि मायावती ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट को बेरोजगारी से जोड़ते हुए कहा कि दरअसल यूपी इन्वेस्टर्स समिट बीजेपी सरकार द्वारा बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान भटकाने की कोशिश है. मायवती ने कहा कि महारष्ट्र समेत कई बीजेपी शासित राज्यों के बाद अब यूपी को भी इन्वेस्टर्स समिट का बुखार चढ़ गया है.
उन्होंने कहा इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर उसके प्रचार-प्रसार में सरकारी धन पानी की तरह बहाया गया. जबकि सबको पता है कि जिस प्रदेश में अपराध बढ़ा हो और कानून व्यवस्था धाराशायी हो वहां पर कोई उद्योग नहीं लगाता.
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एमओयू साइन कर जनता को बरगलाने की कोशिश:
मायावती ने कहा कि अगर प्रदेश में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था सही होगी तभी यहां कोई उद्योग लगाएगा. लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर नहीं लगता कि कोई प्राइवेट निवेशक यहां पैसा लगाएगा. इसलिए इस बात की पूरी आशंका है कि जनता की गाढ़ी कमाई से अरबों रुपया खर्च कर किया गया यह इन्वेस्टर्स समिट सिर्फ राजनीतिक अखाड़ेबाजी के साथ-साथ शो बाजी ही साबित होगा.
इतना ही नहीं सरकार लाखों करोड़ रुपये के एमओयू साइन करने की बात कहकर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि बीजेपी तरह के आयोजन जनता का ध्यान सरकार की विफलताओं से हटाने के लिए किए जा रहे हैं। साथ ही बीजेपी सरकारों द्वारा यह ‘खाओ-पकाओं’ का एक नया साधन बन गया है.
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशक तभी आएंगे जब यहां अपराध पर नियंत्रण होगा और फिलहाल कानून व्यवस्था अच्छी नहीं है, इसीलिए प्राइवेट निवेशक यहां आने में खास रुचि नहीं दिखा रहे.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इन्वेस्टर्स समिट का बुखार सरकार पर चढ़ गया है. बसपा सुप्रीमो ने सरकार को ऐसे आयोजनों के बजाए किसानों व बेरोजगारों के हित में जनता की कमाई लगाने की नसीहत दी.
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए 21 और 22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जबकि उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया.