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बसपा सुप्रीमो मायावती आज अपना 61वां जन्मदिन मना रही है। उन्होंने अपना जन्मदिन ‘जनकल्याण दिवस’ के रूप में मनाया। मायावती उत्तरप्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बसपा प्रमुख ने राजनीति में एक अलग ही मुकाम हासिल कर लिया है। उनकी गिनती देश के सबसे बड़े दलित नेताओं में भी होती है।
- बसपा प्रमुख मायावती ने अपने कई मजबूत फैसलों के कारण अपनी अलग पहचान बनाने में भी सफलता हासिल की।
- माना जाता है कि मायावती अपने फैसलों पर अडिग रहती है।
- हम आपकों मायावती के जन्मदिन पर बताएंगे उनके कुछ मजबूत फैसलें।
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1. मायावती ने 30 मई 2007 को अपने ही सांसद को घर बुलाकर पुलिस के हावाले कर दिया था,
- साथ ही तत्काल पार्टी से निष्काषित कर, सबको हैरानी में डाल दिया।
- यह सांसद कोई और नहीं रमाकांत यादव थे।
- इन पर दंबगई-जबरन जमीन कब्जा करने सहित कई संगीन आरोप थे।
- पुलिस काफी दिनों से सांसद रमाकांत की तलाश में भटक रही थी।
2. मायावती ऐसी पहली सीएम थी जिन्होंने अपने 12 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था।
- उन्होंने लोकायुक्त की सिफारिफ पर 2011 मार्च से जनवरी 2012 बीच यह कदम उठाया था।
3. 2002 में मायावती ने तीसरी बार सीएम बनने के बाद सबसे पहले समीक्षा बैठक शुरू की।
- इस बैठक में मायावती ने कई आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को लापरवाही के कारण सस्पेंड कर दिया था।
4. मायावती जन्मदिन को पार्टी इवेंट बनाने वाली पहली राजनीतिक हस्ती बनी।
- वह ऐसे सत्ता में ना रहने के दौर से ही कर रही है।
- मायावती ने अपने 61वें जन्मदिन को भी ‘जनकल्याण दिवस’ के रूप में मनाया।
5. सपा के 2 जून 1995 गेस्ट हाउस कांड के बाद मायावती ने आज तक उन्हें माफ नहीं किया।
- इसके बाद उन्होंने सपा से गठबंधन के लिए आज तक हामी नहीं भरी।
- इसी के साथ उन्होंने राजनीति में सब चलता है का मिथ भी तोड़ दिया।
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