BSP सुप्रीमो मायावती ने यूपी-उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ की बैठक- विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए 2024 की तैयारियों में जुटी।
(1) देश व खासकर यूपी में तेजी से बदल रहे राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुये बी. एस. पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी का यूपी स्टेट व उत्तराखण्ड स्टेट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों के अति-महत्त्वपूर्ण एकदिवसीय सम्मेलन में सबसे पहले सभी को एक दिन के बाद शुरू हो रहे नववर्ष सन् 2023 की हार्दिक शुभ-कामनायें दी तथा पार्टी को नये साल में नये जोश व उमंग के साथ नये अनुकूल बनते माहौल में जनाधार को गाँव-गाँव में बढ़ाकर पार्टी एवं मूवमेन्ट को मज़बूत बनाने के लिए नई रणनीति पर पूरे जी-जान से लग जाने का आहवान ।
( 2 ) भाजपा द्वारा यूपी में सोची-समझी रणनीति के तहत ही स्थानीय निकाय चुनाव समय से नहीं कराने व इसे टालने के षडयंत्र पर उठे राजनीतिक उबाल का फीडबैक लेकर तथा नये वर्ष के प्रारंभ से ही आगामी लोकसभा आमचुनाव की तैयारी आदि को लेकर पार्टी के आगे की रणनीति तथा जनाधार को गाँव-गाँव में बढ़ाने हेतु जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
( 3 ) गरीबों की लाचारी व युवाओं की बेरोज़गारी दूर करने महंगाई कम करने तथा लोगों के थोड़े अच्छे दिन लाने के सम्बंध में सरकार की कथनी व करनी में अन्तर व मिथ्या प्रचार आदि से लोगों में काफी निराश व्यापारी वर्ग जीएसटी के जंजाल से बेहाल, आन्दोलित
(4) देश के करोड़ों लोग रोज़गार पाकर अपने थोड़े अच्छे दिन के लिए तरस गये हैं। सरकारी वादे व घोषणायें अब उन्हें काफी चुभने लगी हैं।
(5) साथ ही, भाजपा की नीयत व नीति अगर यूपी निकाय चुनाव को सही कानूनी तरीके से समय पर कराकर उसे टालने की नहीं होती तो वह धर्मान्तरण, हेट जेहाद मदरसा सर्वे आदि के ‘संघ तुष्टीकरण’ में समय बर्बाद करने के बजाय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करती तो आज ऐसी विचित्र व दुखद स्थिति नहीं पैदा होती।
(6) कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आरक्षण विरोधी पार्टियाँ हैं। दोनों ने मिलकर पहले एससी व एसटी वर्ग के उत्थान के लिए उनके आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को लगभग निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है और अब वही बुरा जातिवादी द्वेषपूर्ण रवैया ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ भी हर जगह किया जा रहा है। इनकी इसी जातिवादी नीयत के कारण सरकारी विभागों में इनके आरक्षण के हजारों पद वर्षों तक खाली पड़े हैं। इस मामले में सपा की भी सोच, नीति व नीयत ठीक नहीं है ।
(7) इसके अलावा, बीजेपी शासित दो राज्यों कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर तकरार व टकराव अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण भाजपा जब आन्तरिक सीमा विवाद का समाधान नहीं निकाल पा रही है तो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा?
(8) वैसे जनहित व जनकल्याण को लेकर यूपी सरकार के भी खेल विचित्र व निराले हैं धन्नासेठों के धनबल पर देश के चुनावों में ‘रोड शो’ करने की कला के माहिर लोगों को अब सरकारी धन से विदेश में रोड शो करने का नया शहखर्चीला चसका लग गया है, यह अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण : बी. एस. पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी का यूपी स्टेट पार्टी के वरिष्ट पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों का एकदिवसीय सम्मेलन में सम्बोधन