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बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद मायावती ने बीते दिन मंगलवार 18 जुलाई को अपने सांसद पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. मानसून सत्र की राज्यसभा सदन की कार्यवाही में उन्हें न बोलने दिए जाने की बात कहकर सदन से वॉक आउट किया था. जिसके बाद से बौखलाई बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था. लेकिन उनके इस्तीफे को लेकर अब एक नया रूप सामने आ रहा है. बता दें कि मायावती (bsp supremo mayawati master plan) का पारंपरिक वोटबैंक माने जाने वाले दलितों को लेकर बीजेपी की रणनीति उनके इस्तीफे के पीछे की वजह मानी जा रही है. आगे की जानकरी के लिए बने रहें हमारी खबर पर…
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18 जुलाई को दिया था इस्तीफा (bsp supremo mayawati master plan):
- बता दें कि लोकसभा चुनाव से ही बसपा सुप्रीमो मायावती के बुरे दिन चल रहे हैं.
- जी हां बहन जी पहले लोकसभा और फिर यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना कर चुकीं हैं.
- ऐसे में अब बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यसभा सदन की कार्यवाही में न बोलने दिए जाने से बौखला सी गई हैं.
- इसलिए उन्होंने मंगलवार को अचानक से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
- लेकिन उनके इस्तीफे की वजह कुछ और ही मानी जा रही है.
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सिर्फ 8 महीने में खत्म होना था कार्यकाल:
- बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा का कार्यकाल 2 अप्रैल 2018 में खत्म होना था.
- वहीँ बहन जी के पास सिर्फ 18 विधायक ही बचे हैं और माया को यूपी में राज्यसभा की एक सीट के लिए कम से कम 38 विधायकों की जरूरत है.
- बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें एक भी सीट भी नहीं मिली थी.
- वहीँ उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा में उनकी पार्टी के मात्र 5 सांसद बचे हैं.
- राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस दिन बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था.
- उससे साफ हो गया था कि मायावती जल्द ही ऐसा कोई जवाबी कदम उठाएंगी.
- बस ये नहीं पता चल रहा था कि वो कौन सा मुद्दा है.
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दलितों को बनाया हथियार:
- बता दें कि मायावती ने दलितों पर हो रहे अत्याचार को मुद्दा बनाकर राज्यसभा की सदस्यता छोड़ी है.
- माया के कैलकुलेशन के हिसाब से टीवी पर लाइव इस्तीफे के ऐलान से दलित समुदाय पर तेजी से असर पड़ेगा.
- इसी लिए उन्होंने ऊपरी सदन से कार्यकाल खत्म होने का इंतजार नहीं किया.
- बल्कि माया (bsp supremo mayawati master plan) ने हंगामा कर के सदस्यता छोड़ने का फैसला किया.
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