कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा ने युवक चंदन की जान ले ली जिसके बाद पूरे कासगंज को हिंसा की आग ने अपनी चपेट में लिया. उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के दौरान हिंसा में चंदन की हत्या के मामले में शनिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. परिजन पहले तो अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच जब स्थानीय सांसद ने सीएम योगी से परिजनों की बात करवाई इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं फायरिंग में गोली लगने से घायल नौशाद का इलाज अलीगढ़ में चल रहा है. इसी कर्म में आज बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कासगंज हिंसा मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए बड़ा बयान दिया है.
बीजेपी सरकार पर बोला हमला:
आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कासगंज हिंसा मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कासगंज में बिना उचित सरकारी अनुमति के ही ‘यात्रा’ आदि निकालने का समर्थन करके बीजेपी सरकार हिंसा को सही ठहराने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि ये सीधे तौर पर न्याय का गला घोंटने का प्रयास है.
रविदास जयंती: आरक्षण समर्थकों ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
संत रविदास जयंती के मौके पर जनता को दी बधाई:
उन्होंने कहा कि, संत रविदास ने अपना सारा जीवन इंसानियत का संदेश देने में गुजारा. वह पूरी जिंदगी जातिभेद के खिलाफ कड़ा संघर्ष करते रहे. उन्होंने कहा कि आज के संकीर्ण व जातिवादी दौर में उनके मानवतावादी संदेश की अहमियत है. मन को हर लिहाज से वाकई चंगा करने की जरूरत है.
मायावती ने कहा, कि बसपा सरकार ने संत रविदास के नाम पर भदोही जिले का नामकरण, वाराणसी में पार्क, घाट की स्थापना के साथ ही फैजाबाद में राजकीय महाविद्यालय आदि की स्थापना की.
मायावती ने कहा कि इसके अलावा बसपा सरकार में हमने चंदौली में पॉलिटेक्निक, वाराणसी में एससी, एसटी प्रशिक्षण संस्थान, गंगा पुल का नामकरण, बदायूं में धर्मशाला, बिल्सी में प्रतिमा स्थपित की. यही नहीं कई कार्य महान संत के नाम पर अपनी सरकार के दौरान किए.
उन्होंने कहा कि, सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं को चाहिए कि वे संत रविदास की अमरवाणी को अपने जीवन में उतारें. उनके जन्मदिन पर परंपरा का दिखावा करने की बजाए जनता के हित व कल्याण पर खास ध्यान दें.