उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, इस प्रदेश में चुनावी सरगर्मिया बढ़ती जा रहीं है। अभी कुछ दिल पहले ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान एक दलित के घर में खाना खाकर उन्होने ये दर्शा दिया कि भारतीय जनता पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश के दलित वोट बैंक पर है। पिछले कुछ सालों से दलित वोट पर मायावती का वर्चस्व रहा है। मायावती खुद एक दलित समाज से आती है। अब जब हर पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश के दलित वोट बैैंंक पर है तो मायावती ने भी अपनी सबसे बड़ी़ ताकत दलित समाज को अन्य पार्टियों की तरफ जाने से रोकने के लिए कमर कस ली है।
- बसपा सुप्रीमों मायावती अपनी पार्टी केे विधायको के साथ 9 जून को एक मीटिंग करने वाली है।
- इस मीटिंंग में उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधान सभा चुनावों की तैयारियों को लेकर चर्चा होने वाली है।
- विधानसभा चुनावों के अलावा अभी हाल भी होने वाले राज्यसभा चुनावों को लेकर भी मायावती काफी चिंतित नजर आ रही है।
- ये मीटिंंग इस वजह से भी रखी गई है कि मायावती को आश्ांंका है कि प्रीति महापात्रा के पक्ष में क्रास वोटिंंग भी हो सकती है।
- प्रीति ने चुनाव मैदान में उतरने के बाद जिस नेता के ऊपर सबसे अधिक असर पड़ा है वो कपिल सिब्बल ही है।
- प्रीति ने 12वें प्रत्याशी के रूप में नांंमाकन किया है।
- उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है, जिसके तहत सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं।
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