उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मंगलवार 11 जुलाई को 17वीं विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन अपना पहला बजट पेश(budget review) कर चुकी है, बजट पेश किये जाने के बाद से ही योगी सरकार अपने विरोधियों के निशाने पर आ गयी है। यूपी के राजनीतिक दलों ने बजट को किसान, महिला और गरीबों का विरोधी बताया है।
रोजगार के नाम बजट में ज्यादा कुछ नहीं(budget review):
- यूपी की योगी सरकार मंगलवार को मानसून सत्र के पहले दिन अपना पहला बजट पेश कर चुकी है।
- योगी सरकार ने अपना पहला बजट 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ रुपये का पेश किया है।
- सरकार के मुताबिक, यह बजट राज्य के किसानों, महिलाओं, गरीबों और बेरोजगारों के लिए है।
- वहीँ विपक्ष का कहना है कि, यह बजट, किसान, महिला और बेरोजगारों का विरोधी है।
- बजट में यूपी के किसानों के लिए 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी का प्रावधान किया गया है।
- इसके अलावा कृषि आय और भूमि सुधारों के लिए भी बजट में व्यवस्था की गयी है।
- सूबे की प्रमुख समस्याओं में से एक बेरोजगारी को लेकर बजट में कुछ खास व्यवस्था नहीं है।
रोजगार के नाम पर सिर्फ 1 लाख 50 हजार नौकरियां(budget review):
- योगी सरकार भले ही अपने बजट को लेकर कई तरह की बातें कर रही हो।
- लेकिन सूबे में रोजगार की उपलब्धता पर यह बजट खरा नहीं उतरता है।
- बेरोजगारी सूबे की प्रमुख समस्याओं में से एक है।
- इसके बावजूद रोजगार के नाम पर बजट में सिर्फ 1 लाख 50 हजार नौकरियों का ही इंतजाम किया गया है।
- ये सभी नौकरियां उत्तर प्रदेश पुलिस में निकाली जाएँगी।
- इसके अलावा सरकार द्वारा रोजगार प्रोत्साहन को लेकर बजट में कोई भी घोषणा नहीं की गयी है।
- हालाँकि, सरकार ने कृषि क्षेत्र में बढ़ रही बेरोजगारी को कम करने का प्रयास किया है।
- जिसके लिए बजट में व्यवस्था भी की गयी है।
5 करोड़ युवा बेरोजगारों के लिए कब कुछ मुख्यमंत्री जी(budget review):
- उत्तर प्रदेश को देश का अब तक का सबसे बड़ा बजट मिल चुका है।
- जिसके बाद जहाँ सरकार अपने बजट को ऐतिहासिक मान रही है।
- वहीँ विरोधी इसे समाज के हर समुदाय के खिलाफ बता रहे हैं।
- बजट में सरकार द्वारा सूबे के हर क्षेत्र को घेरने की कोशिश की गयी है।
- लेकिन रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं को बजट में जगह नहीं दी गयी है।
- रोजगार के नाम सिर्फ पूरे प्रदेश में 1 लाख 50 हजार पुलिस के पदों पर भर्ती की जाएगी।
- गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में करीब 5 करोड़ लोग बेरोजगार हैं।
- जिसके बावजूद सरकार ने रोजगार को बजट में उतनी प्राथमिकता नहीं दी है।