मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में बाबा मंदिर की आड में जमीन पर कब्जे का काम करने लगे हैं। ताजा मामला ठाकुरगंज थाना क्षेत्र का है जहां पर एक बुजुर्ग की जमीन पर न केवल बाबा बल्कि बिल्डर व छुटभैये नेताओं की निगाह पड़ गयी है। बुजुर्ग द्वारा इसकी शिकायत जिला प्रशासन से किये जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि जमीन से कुछ दूर ही एक मंदिर भी स्थित है जिसकी आड़ में ये कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी भी बाबा के प्रभाव में दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद बुजुर्ग और उसके परिजनों ने राजस्व परिषद के अध्यक्ष के यहां गुहार लगाई है। जिस पर राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने जांच के आदेश दिये है। फरियादी की तरफ से कब्जे की शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर भी की गयी है।
जानकारी के मुताबिक, चौक इलाके के 40 डेहला कुआं निवासी बसंत कुमार त्रिपाठी (65) की ठाकुरगंज थाना क्षेत्र स्थित अहमदगंज (वर्तमान नाम – शांतीनगर) इलाके पास खसरा संख्या 1 लगायत 16 तथ 26 लगायत 35 सहित अन्य का मालिक व काबिज है। पीड़ित के मुताबिक, उसने जमीन को बाबा बद्रीदास से खरीदा था। जिसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी उसके पास है। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के आधार पर पीड़ित का नाम खसरे सहित कई सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। पीड़ित का जमीन पर बीते 40 साल से कब्जा है। जिस पर पीड़ित पूर्व में कृषि कार्य करता रहा है, उक्त भूमि में प्रार्थी ने बोरिंग कराकर ट्यूबेल भी लगवाया था। पीड़ित की भूमि से बंधे निर्माण हेतु मिट्टी की खुदाई हुई थी, जिसका मुआवजा पीड़ित को शासन से प्राप्त हुआ था।
जमीन से मिटटी के उठकर बंधे में चले जाने की वजह से गडढा हो गया था, जिसमें आस-पास के रहने वाले परिवारों के घरों से गंदा पानी आकर जमा होता था। पिछले साल पीड़ित ने उक्त गडढे को मिटटी से पटवाया है तभी से भू-माफिया टाइप के लोगों की नजर प्रार्थी की उक्त भूमि पर पड़ गयी है। जिसकी सूचना व प्रार्थनापत्र पीड़ित ने कई बार राजधानी के जिलाधिकारी सहित तहसील व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों व संबंधित थाने को देकर जमीन के पैमाइश की मांग की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित के मुताबिक विपक्षीगण अहमद नदीम उर्फ नम्मू, मनोज शुक्ला, रहमत अली व बाबा धर्मेन्द्र दास व अन्य कई लोग आए दिन जबरदस्ती लड़ाई-झगड़ा करके प्रार्थी की भूमि पर विवाद खड़ा करके जमीन कब्जा करना चाहते हैं।
जबकि प्रार्थी की उक्त भूमि से विपक्षीगण का कोई वास्ता नहीं है लेकिन कुटचित दस्तावेज के सहारे प्रार्थी की भूमि पर कब्जा करने का प्रयास बराबर कर रहे हैं। इनमें बाबा धर्मेंद्र दास एक साल से आये हैं। एक दिन पूर्व पीड़ित को वहां के स्थानीय लोगों के माध्यम से सूचना मिली कि बाबा धर्मेन्द्र दास ने अधिकारियों की मिली-भगत से जमीन पर पैमाइश कराई है और पीड़ित की जमीन पर बाउण्ड्री बाल करा कर कब्जा करने की योजना बना रहा है। इस कार्य में बाबा के साथ कुछ छुटभैये किस्म के नेता और बिल्डर लगे हैं। धर्मेंद्र दास अपने बाबा होने का फायदा उठाकर मंदिर की आड में जमीन कब्जा करने की फिराक में है।
इधर बीते डेढ़ वर्ष से काफी अस्वस्थ होने के कारण मौके पर आने-जाने में असमर्थ है, जिसके कारण वह जमीन की देखरेख अपने बच्चों के माध्यम से करता है। सूचना पाकर जब पीड़ित अपने बच्चों के सहारे भूमि पर पहुंचा तो उक्त लोग वहां से जा चुके थे। विपक्षीगण ऐन-केन प्रकारेण प्रार्थी की भूमि को कब्जा करने के प्रयास में लगे हुए हैं तथा बराबर पीड़ित व उसके परिवार को जानमाल की धमकी दे रहे हैं तथा यह सूचना दी जा रही है कि जमीन भूल जाओ नहीं तो उसके चक्कर में जान भी चली जाएगी।