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बिल्डर की बदमाश कंपनी ने पैसे लेकर नहीं दिए प्लाट

बिल्डर की एक बदमाश कंपनी ने लोगों को अशियाने के सपने दिखाकर पैसे लूट लिए। अपने सपनों का घर बनाने के आस लिए अपने जीवन की गाढ़ी कमाई इस बिल्डर की बदमाश कंपनी को दे दिए। पीड़ितों ने प्लाट पाने के लिए पुलिस प्रशासन से भी गुहार लगाई लेकिन बिल्डर की ऊँची पहुंच के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने से कतरा रही है। पीड़ितों ने सोमवार को बिल्डर के आॅफिस पहुंचकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की।

एयरफोर्स से रिटायर हुए पीड़ित अभिनव का कहना है कि रोहतास बिल्डर द्वारा लोगों का मकान दिलवाने के लिए कहा गया। जिसके भरोसे में आकर मैंने अपने एयरफोर्स के 20 वर्षों की सेवा में की गई कमाई को प्लाट पाने के लिए दे दी। बिल्डर ने रायबरेली रोड पर प्लाट देने के कहा जिसमें उसने बताया कि 30 महीने में आपको आपका प्लाट मिल जाएगा। ऐसा नहीं हुआ तो आपका पैसा आपको वापस मिल जाएगा।

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एकल स्कीम के तहत दिए 15 लाख रूपये

अभिनव ने बताया कि 2011-12 में बिल्डर द्वारा रायबरेली रोड पर प्लाट देने के लिए कहा। जिसके लिए एकल स्कीम के तहत 15-15 लाख रूपये मेरे साथ साथ अन्य लोगों ने भी दिए। 30 महीने में प्लाट देने के लिए कहा था, लेकिन 5-6 साल बीत जाने के बावजूद भी प्लाट नहीं मिला। बिल्डर से अपने पैसे वापस मांगने पर धमकाता है। आशंका जताई की 400-500 लोगों के पैसे ये बिल्डर खा गया है, जिसमें 200 से 300 करोड़ रूपये का लोगों को चूना लगाया है।

एलडीए को नहीं है जानकारी

बताया कि बिल्डर का कहना है कि एलडीए अप्रुव के लिए गया है, लेकिन जब एलडीए से इस बारे में जानकारी ली गई तो इस प्रकार के किसी भी जमीन का अप्रुवल आने से इंकार किया। कहा कि इस कंपनी के उपर बैंकों की देनदारी भी है। वहीं अपने पैसे अथवा प्लाट पाने के लिए हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कार्रवाई की मांग की गई है। पर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है। कहा कि कई आर्मी के जवान का पैसा फंसा हुआ है।

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कहीं से मदद नहीं मिलने पर किया प्रदर्शन

महाराणा प्रताप मार्ग स्थित रोहतास बिल्डर के ऑफिस पर पीड़ितों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की। डा पंकज कुमार अपनी व्यथा मीडिया को बताते बताते उनका दर्द उनके आॅंखों से छलक उठा। कहा कि मैनें अपना रिटायरमेंट का सारा पैसा इस कंपनी को प्लाट पाने के एवज में दे दिया। मैनें अपना सारा पैसा सुल्तानपुर रोड पर जमीन पाने के लिए दे दिया। जिसमें अपने और अपनी पत्नी के नाम से लेना था। लेकिन 5-6 साल बीत जाने के बाद भी प्लाट नहीं दिया गया और बार-बार दौड़ाया जाता है। कई बैंकों के चेक भी दिए गए लेकिन सभी चेक बाउन्स हो गए।

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