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एसिड अटैक प्रकर: मेरठ मेडिकल कॉलेज की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Acid Attack Case: LLRM Medical College Difficulties Can Increase

LLRM Medical College Difficulties Can Increase

ट्रिपल तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली शबनम उर्फ रानी के मामले में मेरठ मेडिकल की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। दरअसल पिछले दिनों 13 सितंबर को तीन तलाक की शिकार शबनम पर एसिड अटैक हुआ था। जिसके बाद शबनम को जिला अस्पताल में एडमिट भी कराया गया था, लेकिन दोपहर में हुई इस घटना के बाद जहां बर्न वार्ड में शिफ्ट करके मुख्य चिकित्साधिकारी ने अगले 24 घण्टे के लिए शबनम को ऑब्जरवेशन में रखने की बात मीडिया से कही थी। लेकिन शाम होते होते पीड़िता को मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया था। जबकि वहां शबनम को हॉस्पिटल में इलाज और भर्ती करने के बजाए वहां से टरका दिया गया था। अब ये मामला कई गैर जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के लिए सिर दर्द बन सकता है।

बुलंदशहर मैं तीन तलाक बहुविवाह से पीड़ित शबनम रानी का दिनों जिला अस्पताल में अपना इलाज करा किया जा रहा हैं। चौंकाने वाली बात ये है की 13 सितम्बर को यहां के जिम्मेदार डॉक्टरों ने पहले तो 24 घंटे के लिए ओब्सर्वेशन मैं रखने की बात कही लेकिन, कुछ ही घंटों के बाद एसिड पीड़िता को यहां से मेरठ मेडिकल के लिए रैफर कर दिया था। जिसमे मेरठ मेडिकल के डॉक्टरों को एडमिट ही नहीं किया था बल्कि को ही चलता कर दिया गया था फिलहाल इस मामले में महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम ने जांच कराने का मन बना लिया है। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक़ बहुविवाह और हलाला के पीड़ितों की आवाज उठाने वाली समीना खान भी उच्चाधिकारियों से शिकायत का मन बना चुकी हैं। यहां ये भी सबाल उठता है की जब 24 घंटे तक मरीज को विशेषज्ञों के साये मैं रख क्र ट्रीटमेंट देने की बात खुद जिले के सी एम् ओ ने कहा था तो फिर रेफेर कैसे कर दिया गया।

हलाला का विरोध करके शुर्खियों में आई शबनम उर्फ रानी का बुलन्दशहर जिला अस्पताल में फिर एक बार इलाज चल रहा है। महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष ने हिदायत देते हुए इस बारे में जानकारी मांगी है कि जब शबनम उर्फ रानी को 13 तारीख को इलाज के लिए मेरठ मेडिकल यहां के डॉक्टरों ने रेफर किया था तो आखिर फिर क्यों उसे वहां एडमिट नहीं किया गया। शबनम रानी ने मेडिकल में इलाज न करने का पिछले दिनों आरोप लगाया था और बताया भी था कि उसे वहां से चलता कर दिया गया था। जिसके बाद उसे सारी रात भटक कर गुजरने पड़ा हालांकि शबनम रानी को सुरक्षा में अगौता लाया गया। वह भी अगले दिन इसके बाद उसे कोर्ट में 164 के बयान के लिए पेश किया गया था। फिलहाल शबनम उर्फ रानी को बिना डॉक्टरों के अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। जहां इस हॉस्पिटल ने पहले शबनम को रेफर कर दिया था। वही अब न जाने कौन सी विधि से यह डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वह मेरठ में शबनम के साथ हुए पूरे वाकिये पर नजर रख रही हैं और जल्द ही संबंधित विभाग के डॉक्टरों को इसकी सजा भुगतनी पड़ सकती है।

फिलहाल यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं मिशन तीन तलाक की अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक और हलाला जैसे मामलों पर मुस्लिम महिलाओं की मदद करने वाली सबीना खान ने बताया कि उन्होंने संबंधित डॉक्टर का पता निकाल लिया है। उसकी शिकायत भी अफसरों से लिखित में की गई है, साथ ही उन्होंने मांग की की अमानवीयता के दिखाने के लिए ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाही जरूर होनी चाहिए, काबिलेगौर है कि तीन तलाक की पीड़िता शबनम उर्फ रानी के तीन बच्चे हैं। जबकि पति ने तलाक देकर अलग रहने का फैसला कर लिया था और वह दिल्ली में अन्यत्र कहीं रहता है।शबनम रानी दिल्ली के ओखला की रहने वाली है। जिसकी शादी करीब 9 साल पहले बुलंदशहर जिले के अगौता थाना क्षेत्र के जोली गढ़ गांव में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद तक सब कुछ ठीक था। लेकिन बाद में पति परेशान करने लगा इस बीच शबनम को 3 बच्चे भी हुए। जिसके बाद पति ने तीन बार तलाक कहकर अपनी पत्नी से रिश्ता खत्म कर लिया और उसे छोड़कर चला गया था।

जिसके बाद शबनम उर्फ रानी ने ट्रिपल तलाक़ का विरोध किया। जिससे ससुराल पक्ष की नजर में शबनम किसी कांटे की तरह चुभने लगी। हालांकि अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए किसी तरह अपने तीन बच्चों के साथ ससुराल में ही रह रही। शबनम पर लगातार बाद में हलाला के लिए दवाब बनाया जाने लगा। जो शबनम को नागवार गुजरा और मिशन तीन तलाक़ पीड़ित संस्था की अध्यक्ष सबीना के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल दी। तब से ससुराल पक्ष शबनम के इस कदम से गुस्से में थे और इसका नुकसान भी शबनम को उठाना पड़ा। शबनम रानी पर उसके देवर ने एक अन्य साथी के साथ मिलकर एसिड फेंककर उसपर हमला भी किया था। जिसकी वजह से शबनम आज बेड पर है। जबकि इसके तीन बच्चोँ की चीख पजकार सुनने वाला कोई नहीं है। शबनम का साथ भी कोई नहीं दे रहा था, सबीना अपने स्तर से कुछ मदद जरूर शबनम की उसके साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर दे रही हैं। फिलहाल अब डॉक्टर के पेशे में बैठे उन असंवेदनशील डॉक्टरों और उन अधिकारी कर्मचारियों की कुण्डली खंगालने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि इस तेजाब पीड़िता को वहां से चलता करने के लिए जिम्मेदार थे।

रिपोर्टर- सादिक खान

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