एसटीएफ एसएसपी अभिषेक सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बुलंदशहर मामले में सेना के आरोपी जवान जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू ने यह स्वीकार किया है कि जब भीड़ ने वारदात स्थल पर इकट्ठा होना शुरू किया तब वह वहां पर मौजूद था, लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि आरोपी जीतू उन लोगों में से एक है, जिन्होंने इंस्पेक्टर सुबोध या मृतक सुमित को गोली मारी थी।
- आरोपी जितेंद्र ने स्वीकार किया कि वह गांववालों के साथ मौके पर गया था, लेकिन उसने कहा कि पुलिस पर पथराव या दूसरा कोई भी गलत काम नहीं किया है।
- पुलिस इस मामले में जितेंद्र के मोबाइल की फोरेंसिक जांच भी करवाएगी।
- इससे पहले सेना के जवान जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू को शनिवार देर रात सैन्य अधिकारियों ने मेरठ एसटीएफ कार्यालय पर नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया।
- एसटीएफ ने तत्काल आरोपी जितेंद्र कुमार से पूछताछ शुरू कर दी है।
- पूछताछ के दौरान आरोपी जितेंद्र खामोशी से हर सवाल का जवाब हां या ना में देता रहा।
- जम्मू कश्मीर के सोपोर में सेना की आरआर यूनिट में तैनात जीतू को लेने के लिए एसटीएफ नोएडा और एसआइटी सोपोर गई थी, लेकिन सेना ने सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर उसे एसटीएफ व एसआइटी को नहीं दिया था।
- कागजी करवाई के बाद शनिवार सुबह 5.30 बजे सैन्य अधिकारी जीतू को एसटीएफ व एसआइटी के साथ लेकर सोपोर से मेरठ के लिए रवाना हुई।
- देर रात मेरठ एसटीएफ कार्यालय पर जीतू को लाया गया, जहां नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया गया।
- सेना ने एसटीएफ से लिखित में लिया कि जीतू को सुबह 10 बजे तक बुलंदशहर कोर्ट में पेश किया जाए।
- इसके जवाब में एसटीएफ ने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के दौरान पिस्टल भी लूटी गई थी।
- पुलिस को आशंका है कि बलवे के दौरान जीतू ने ही पिस्टल लूटी थी
- इसलिए उसको बरामद करने के लिए आरोपी को कोर्ट में पेश करने में देरी हो सकती है।
- दूसरी ओर सेना ने सुपुर्दगी के दौरान मौके पर मौजूद लोगों के हस्ताक्षर कराए और कहा कि एसटीएफ को जीतू सुरक्षित सौंपा गया है।
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