उत्तर प्रदेश सरकार ने कन्या विद्याधन के लिए यूपी बोर्ड के अलावा सीबीएसई, आईएससीई, मदरसा शिक्षा परिषद और संस्कृत शिक्षा परिषद की छात्राओं के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रमुख सचिव शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि योजना में यदि, अन्य बोर्डों में तय लक्ष्य के अनुसार छात्राएं नहीं मिलतीं तो उनके स्थान पर यूपी बोर्ड की छात्राओं को समायोजित किया जाए।
- यदि दूसरे बोर्ड मे पात्र छात्राएँ नहीं मिली तो यूपी बोर्ड की छात्राओ को ही मिलेगा कन्या विघाधन।
- उसमें भी 21 प्रतिशत एससी और 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक छात्राएं जरूर होनी चाहिए।
- कन्या विद्याधन योजना के तहत जारी शासनादेश में सरकार ने यह संशोधन किया है।
- संशोधित शासनादेश गुरुवार को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने जारी किया।
- इसमें कहा गया है कि बुंदेलखंड की 10 फीसदी छात्राओं को मिलेगा कन्या विद्याधन।
- प्रदेश की कुल 99,000 छात्राओं को कन्या विद्याधन दिया जाना है।
- कुल लक्ष्य का 10 फीसदी यानी 9,900 बुंदेलखंड की छात्राओं को कन्या विद्याधन मिलेगा।
- इसका वितरण बुंदेलखंड के सात जिलों की छात्राओं में जनसंख्या के अनुपात में किया जाएगा।
- प्रदेश में हर जिले में मेरिट के आधार पर अवरोही क्रम में लिस्ट तैयार की जाएगी।
- चयनित मेधावी छात्राओं को 30 हजार रुपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।