कोल्लम हादसे में होने वाली भीषण तबाही को देखने के बाद लखनऊ के डीएम राजशेखर ने आदेश दिया है कि किसी भी आयोजन में पटाखे जलाने के लिए पहले जिला प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। अगर कोई किसी भी तरह के आयोजन में अनुमति के बिना आतिशबाजी करता हुआ पाया गया तो उसपर जुर्माना हो सकता है।
डीएम के अनुसार कार्यक्रम स्थल के मालिक को अपने कार्यक्रम में पटाखे जलाने से पहले एनओसी देनी होगी ताकि उसकी जिम्मेदारी भी तय हो सके। आतिशबाजी कहां होगी, इसकी जांच के लिए पहले सीएफओ एनओसी देंगे। इस सम्बन्ध में तीसरी एनओसी इलाके के एसओ से लेनी होगी। पटाखे जलाने की अनुमति मिलने के बाद दुकान के रजिस्टर में एंट्री और फोटो आईडी देने पर ही पटाखे मिलेंगे। एसीएम हर महीने दुकानों का स्टॅाक और रजिस्टर चेक करेंगे। डीएम के इस कदम के बाद तमाम छोटे मोटे समारोह में तेज आवाज के साथ जलने वाले पटाखों में कुछ कमी आ सकती है।
गौरतलब है कि गत रविवार केरल के कोल्लम जिले के 100 साल पुराने पुत्तिंगल मदिंर में रविवार तड़के आतिशबाजी के दौरान पटाखों में विस्फोट हो गया जिसकी वजह से लगी आग में करीब 106 लोगों की मौत हो गई और 383 से ज्यादा लोग झुलस गए। इस विस्फोट के बाद कोल्लम जिला प्रशासन ने कहा कि मंदिर परिसर में आतिशबाजी की इजाजत नही दी गई थी, इसके बावजूद यह कार्यक्रम हुआ। फिलहाल मंदिर प्रशासन और आतिशबाजी ठेकेदार के खिलाफ हत्या के प्रयास और विस्फोट पदार्थ कानून की धारा चार के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।