मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि परिवहन विभाग के अधीन संभागीय परिवहन कार्यालयों एवं निगम में भी डिजिटलाईजेशन का कार्य आगामी 2-3 माह में जनसेवाओं को प्रदान करने के लिए प्रत्येक दशा में पूर्ण कराया जाये. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के बस संचालन विस्तार एवं प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में बस परिवहन साधनों की पहुंच बढ़ाने के लिए आवश्यक मार्ग फार्मुलेशन की कार्यवाही को वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के बस स्टेशनों को जन सामान्य की अपेक्षाओं के अनुरूप आधुनिक एवं उपयोगी अवस्थापनाओं के रूप में पीपीपी माॅडल पर विकसित करने के कार्यों में और अधिक तेजी लाई जाये.
मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में परिवहन विभाग में पीपीपी राजकोट माॅडल से सम्बन्धित विषयक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुतायत बस संचालन वाले 18 स्थानों कौशाम्बी (गाजियाबाद), कानपुर सेन्ट्रल, वाराणसी कैण्ट, सिविल लाइन्स (इलाहाबाद), विभूतिखण्ड गोमतीनगर (लखनऊ), बरेली सैटेलाईट, सोहराबगेट (मेरठ), टी0पी0 नगर, ईदगाह, आगरा फोर्ट (आगरा), रसूलाबाद (अलीगढ़), मथुरा, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, भैसाली (मेरठ), रायबरेली, फैजाबाद व गोरखपुर को प्रथम चरण में चिन्हित कर प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यवाही में और अधिक गति लाई जाये.
बैठक में प्रमुख सचिव, परिवहन अराधना शुक्ला ने बताया कि गुजरात राज्य में राजकोट सहित अन्य बस स्टेशनों को पीपीपी माॅडल विकसित करने के लिए जिन व्यवस्थाओं का निर्धारण किया गया है. निवेशकों की रूचि आकर्षित कर सकती हैं. उत्तर प्रदेश में भी इस योजना को विकसित करने के लिए गुजरात माॅडल की पूर्ण परीक्षण की कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कर ली जायेगी.
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