उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय ‘नेहरु भवन’ पर गोमती नगर के एक कारोबारी ने अपना दावा ठोका है. कारोबारी मनीष अग्रवाल का कहना है 56 साल पहले उसके दादा ने ये कोठी नीलामी में खरीदी थी.
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मनीष अग्रवाल ने दी नगर निगम में अर्जी-
- गोमती नगर के कारोबारी मनीष अग्रवाल लखनऊ कांग्रेस कार्यालय ‘नेहरु भवन’ पर अपना दावा ठोका है.
- मनीष का कहना है कि 24 अप्रैल साल 1961 में उसके दादा रामस्वरूप अग्रवाल ने ये कोटि नीलामी में खरीदी थी.
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- कारोबारी का कहना है उस समय ये जमीन पुनर्वास मंत्रालय से खरीदी गई थी.
- जिसके लिए उसके दादा ने लगभग पौने दो लाख रूपए दिए थे.
- कारोबारी मनीष का कहना है कि कोठी को जवाहर मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से ख़रीदा गया था.
- मनीष का कहना है कि उस समय के मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्त के कार्यकाल में कांग्रेस को ऑफिस के लिए कोठी में एक कमरा दिया गया था.
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- कारोबारी का आरोप है कि वर्ष 1986 में गलत तरीके से मालिकों के नाम में कांग्रेस का नाम शामिल कर दिया गया था.
- जिसमें इंदिरा गांधी ने केयरटेकर के रूप में उस समय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहसिना किदवई का नाम दिया था.
- मनीष का कहना है कि भवन के वर्ष 1976 तक के दस्तावेजों में उसके दादा और उनके चचेरे भाई की पत्नी पद्मावती का नाम दर्ज है.
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- कारोबारी ने नगर निगम में अर्जी दाखिल करते हुए भवन को उसके परिवार के लोगों केनाम करने के अनुरोध किया है.
- जिसके बाद नगर निगम प्रशासन नें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है.
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सस्ती लोक प्रियता के लिए ठोका गया दावा-
- इस मामले में कांग्रेस की मानें तो सस्ती लोक प्रियता के लिए ये दावा ठोका गया है.
- कांग्रेस का ये भी कहना है कि उसे नगर निगम प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई नोटिस नही मिला है.
- बता दें कि गलत दावा ठोंकने पर कांग्रेस कारोबारी के खिलाफ कारवाई कर सकती है.
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