उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां के बीच जारी तल्खी के बीच उनके रिश्तों में एक बार फिर उबाल आने की संभावना है। दरअसल, रामपुर में दलित बस्ती तोड़े जाने का मामला एक बार फिर राजभवन की दहलीज पर जा पहुंचा है। मालूम हो कि सपा के कैबिनेट मंत्री आजम खान पर आरोप लगते रहें है कि रामपुर में समाजवादी पार्टी के दफ्तर के बगल में बनी दलित बस्ती को वह तुड़वाना चाहते हैं।
- प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष फैसला लाला ने रविवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे की विस्तार से जानकारी दी।
- उन्होंने राज्यपाल को बताया कि आजम खां लंबे समय से दलित बस्ती को तुड़वाना चाहते हैं।
- उन्होने कहा कि आजम खां ने पहले भी दलित बस्ती को तोड़ने का प्रयास किया था जिसका भारी विरोध हुआ था।
- बता दें कि रामपुर में दलित बस्ती तोड़ने का यह मामला अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग भी पहुंचा था।
- उस वक्त अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के हस्तक्षेप और मामला मीडिया में उछलने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने अपने हाथ पीछे खींच लिये थे।
- फैसला लाला का कहना है कि आजम अब फिर से प्रशासन पर दबाव बनाकर दलित बस्ती को तुड़वाने की कोशिश कर रहे हैं।
- फैसला लाला ने राज्पाल को बताया कि आजम अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए खुल कर उन्हें धमकी दे रहें हैं।
- राज्यपाल से मुलाकात के दौरान वाल्मीकि बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अविनाश तपन ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
- अविनाश ने राज्यपाल से वाल्मीकि बस्ती तोपखाना के निवासियों को जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मांग भी की।
- उन्होने कहा कि बस्ती तुड़वाने से जिले के सैकड़ों परिवारों के सामने बेघर होने का संकट पैदा हो जाएगा।
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