देश में आरक्षण को लेकर आये दिन नेता बयान देते रहते हैं. आरक्षण को लेकर बयानबाजी का दौर हमेशा चलता रहता है. अभी बुधवार को ही केंद्र सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर की उच्चतम सीमा बढ़ाकर आठ लाख कर दी है. इसके बाद आरक्षण को लेकर बहस फिर तेज हो चली है. इसी क्रम में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर (om prakash rajbhar) का बयान आया है.
राजभर (om prakash rajbhar) ने छेड़ी फिर ‘आरक्षण’ की बहस:
- उन्होंने कहा कि आज आरक्षण की जरुरत उस समाज को नहीं है जिसको लगातार दिया जा रहा है.
- आरक्षण की जरुरत हर वर्ग के गरीबों के लिए है.
- बाबा साहब अम्बेडकर ने केवल दस वर्षो के लिए आरक्षण की व्यवस्था की मांग की थी.
- लेकिन जातिगत राजनीति के चलते ये लगातार जारी है.
- इसको समाप्त करने के लिए हम हमेशा से ही प्रयासरत हैं.
उच्चतम सीमा हुई आठ लाख-
- केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी क्रीमी लेयर की उच्चतम सीमा बढ़ाकर आठ लाख कर दी गई है.
- इसके घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की.
- पहले यह सीमा आठ लाख रुपये थी.
- इस घोषणा के बाद ओबीसी श्रेणी के सालाना आठ लाख रुपये तक की आय वाले अभ्यर्थी आरक्षण लाभ ले पाएंगे.
- इससे पहले जिनकी आय छह लाख होती थी, उन्हें यह लाभ मिलता था.
- अब इसका दायरा बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है.
अमित शाह ने बताया ‘सार्थक पहल’-
- केंद्र के इस फैसले को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक सार्थक पहल बताया है.
- उन्होंने ट्विटर पर लिखा, क्रीमी लेयर की सीमा को 8 लाख करना मोदी सरकार की पिछड़े वर्गों के आरक्षण और अन्य योजनाओं के विस्तार की दिशा में एक सार्थक पहल है.
- साथ ही उन्होंने लिखा, मोदी सरकार द्वारा उपवर्गों के प्रावधान से अत्याधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण व अन्य योजनाओं में प्राथमिकता देना एक न्यायसंगत पहल है.
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