प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार के तुरंत बाद बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा तल्ख टिप्पणियों के साथ भाजपा को कोसना बेवजह नहीं है। अपने बिखरते कुनबे से बैकफुट पर आईं मायावती को कहीं ना कहीं पार्टी का जातीय गणित बिगड़ता और ब्राम्हण-दलित का समीकरण खिसकता हुआ दिखाई दे रहा है। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजनीति का मास्टरस्ट्रोक चलते हुए यूपी में विपक्षी दलों को पटखनी दे दी है।
- मालूम हो कि 2007 में जिस दलित-ब्राम्हण गठजोड़ के जरिए मायावती सूबे की सत्ता में आयी थी। अब वह खोता हुआ दिखाई दे रहा है।
- मोदी कैबिनेट में यूपी से चार ब्राम्हण और एक भूमिहर ब्राम्हण को जगह दी गई है। जाहिर है, इससे बसपा का ब्राम्हण कार्ड कमजोर होगा।
- वहीं, शाहजहांपुर से सांसद कृष्णा राज को मंत्रीमंडल में शामिल करके पीएम ने बसपा से नाराज चल रहे पासी समाज को भी साधने की कोशिश की है।
- मंत्रीमंडल विस्तार से बसपा के साथ ही कांग्रेस का गणित भी गड़बड़ाया हुआ है, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस यूपी में ब्राम्हण-मुस्लिम गठजोड़ के साथ खेलने जा रही है।
- जिसके लिए गुलाम नबी आजाद को यूपी प्रभारी बनाया गया और जल्द ही किसी ब्राम्हण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है।
पूर्वांचल को बनाया अभेद किलाः
- दूसरे कैबिनेट विस्तार के साथ ही बीजेपी ने यूपी के पूर्वांचल की 127 सीटों को अपने अभेद किले में परिवर्तित कर सपा, बसपा और कांग्रेस को संकट में डाल दिया है।
- पहले से ही वाराणसी से लगे गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा और देवरिया से सासंद कलराज मिश्र को मंत्री बनाकर बीजेपी ने इस इलाके के लोगों को साफ संदेश दिया था कि पूर्वांचल उनके लिए खासा महत्व रखता है और अब दूसके कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने पूर्वांचल के दो और सांसदों को शामिल करके अपनी नींव को और भी मजबूत कर लिया है।
- मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल और चंदौली के सांसद महेन्द्रनाथ पाण्डेय को मंत्री बनाए जाने का बीजेपी को बहुत लाभ होगा।
- बीजेपी ने अनुप्रिया को मंत्री बना कर उनका कद बहुत उंचा कर दिया है. जिससे पटेल समुदाय को लगेगा कि अनुप्रिया का साथ देने में उन्हें फायदा होगा।