राजधानी में हर महीने कैंसर से पीड़ित करीब 500 मरीज आते हैं। इनके इलाज के लिए चक गजरिया में कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य गया हैं। इस संस्थान को 2016 दिसंबर में शुरू किया गया था। बावजूद इसके अभी तक यहाँ केवल opd को ही शुरू किया जा सका है। ऐसे में यहाँ आने वाले मरीजों को उनकी जरुरत के मुताबिक इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
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45 करोड़ का मिला था बजट
- कैंसर संस्थान को बनने में करीब 938 करोड़ रुपया लगे हैं।
- बावजूद इसके अब तक इस कैंसर संस्थान में रेडियो थेरेपी विभाग के लिए मैप पास नहीं हुआ।
- इसके अलावा न तो यहाँ मरीजों की जांच के लिए पैथोलॉजी है और न ही पर्याप्त स्टाफ।
- ऐसे में यहाँ इलाज के लिए आने वाले मरीजों को आधा इलाज ही मिल पा रहा है।
- पैथोलॉजी शुरू करने के लिए यहाँ पर अभी तक उपकरण ही उपलब्ध नहीं है।
- आपको बता दें की कैंसर संस्थान में उपकरण और फर्नीचर का जिम्मा sgpgi को मिला था।
- सरकार ने इसके लिए उसे 45 करोड़ का बजट भी पास किया था।
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- लेकिन अभी तक न तो बजट का उपयोग हुआ और न ही उपकरण ख़रीदे गए।
- 45 करोड़ का बजट जारी होने के बाद भी अभी यहाँ बिजली का कनेक्शन तक नहीं है।
- वही ऑपरेशन थिएटर की बात करें तो अभी इससे बनकर तैयार होने में काफी वक़्त लगेगा।
- अभी ऑपरेशन थिएटर का काम चल रहा है लेकिन तब तक माइनर ओटी बनाकर काम चलाया जा सकता है।
- वही संस्थान में अभी तक सबसे जरुरी रेडियो थेरेपी की परमिशन तक नहीं ली जा सकी है।
- जिसका खामियाजा यहाँ इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
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