राजधानी लखनऊ के छावनी के मोहनगंज में महिलाओं का समूह आज भी जंगल में खुले में शौच करने जा रहा है। इस सच्चाई को दरकिनार कर छावनी में खुले में शौच मुक्ति का दोबारा सर्वे हुआ। इसमें छावनी को खुले से शौच मुक्त घोषित कर दिया गया। अब देश की सभी 62 छावनियों की स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट रक्षा मंत्रलय ने जारी कर दी है। इसमें दिल्ली छावनी अव्वल रही जबकि लखनऊ 17वें स्थान पर आया। आगरा, वाराणसी और झांसी छावनी का प्रदर्शन लखनऊ से अच्छा रहा। बताया जा रहा है कि थर्ड पार्टी से कराए गए ऑडिट में खेल कर दिया गया।
लखनऊ छावनी में खुले से शौच मुक्त का पुन: प्रमाणन थर्ड पार्टी ऑडिट के जरिए किया गया था। इस दौरान छावनी के नौ स्थानों पर परिषद के उपलब्ध संसाधनों का सत्यापन किया गया। हालांकि यहां खेल किया गया। थर्ड पार्टी निरीक्षण के दौरान वह इलाके नहीं दिखाए गए जहां आज भी लोग खुले में शौच करने जाते हैं। टीम ने नौ स्थानों पर निरीक्षण किया था। जिसमें वाल्मीकि मोहाल व हाता रामदास, लखनऊ रेसकोर्स, बीसी बाजार के पीछे, सदर बाजार शॉपिंग काम्प्लेक्स, गोला बाजार, सिटी अकादमी, रजमन बाजार हाईस्कूल और दिलकुशा गार्डन शामिल हैं। टीम को मोहनगंज, आशा कालोनी, नई बस्ती जैसे इलाकों का निरीक्षण ही नहीं कराया गया। सदर बाजार और गोला बाजार व्यवसायिक इलाके हैं।
सफाई का बुरा हाल, लेकिन ये बोले जिम्मेदार
देश की 62 छावनियों की स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में आगरा 11वें नंबर पर, झांसी 12वें, वाराणसी 13वें और लखनऊ 17वें स्थान पर है। अल्मोड़ा छावनी दूसरे और रानीखेत तीसरे स्थान पर है। छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी अमित मिश्र कहते हैं कि स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ 17वें स्थान पर आया है। यहां बजट के अभाव के बीच सफाई व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं मोहनगंज जैसे इलाके के लोग यदि खुले में शौच को जाते हैं तो वहां जरूरत के अनुसार संसाधन बढ़ाए जाएंगे।