उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में डॉक्टरों की लापरवाही का एक बड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पर अस्पताल में एक दंपत्ति की जिंदगी नरक बन गई जो अभी तक निसंतान है। इस अस्पताल ने हाइड्रोसील के मरीज का नसबंदी का ऑपरेशन कर डाला है। इस घटना के सामने आने के बाद से इलाके में हडकम्प मच गया है।
हाइड्रोसील के मरीज का किया नसबंदी ऑपरेशन :
यूपी के बाराबंकी जिले में आलमगीर पुत्र हनीफ निवासी मोहल्ला कटरा कस्बा दरियाबाद तहसील राम सनेहीघाट जनपद बाराबंकी के निवासी हैं। आलमगीर हाइड्रोसील के मरीज थे जो इलाज के लिए निजी अस्पताल फायजा हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर दरियाबाद में इलाज के लिए भर्ती हुये थे। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने हाइड्रोसील की जगह उनकी नसबंदी कर दी और 70000 रूपये शुल्क भी ले लिया और घर भेज दिया।
घर जाने के बाद जब नसबन्दी के बारे में पता चला तो घरवाले सन्न रह गये और दूसरे निजी अस्पताल में जब जांच कराई गई तब पता चला कि डॉक्टरों ने हाइड्रोसील की जगह कर डाला है। नसबंदी दंपति अभी तक निसंतान है। अब ऐसे में दंपत्ति की जिंदगी कैसी गुजरेगी जबकि हर एक मां बाप का बच्चे का सपना देखा करते हैं लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों ने दंपति की जिंदगी को नर्क बना डाला।
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कार्यवाई से बच रहे अफसर :
इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों एवं सीएमओ बाराबंकी से की गई लेकिन जांच के नाम पर दंपति को लगभग 1 साल तक मुख्यालय के चक्कर लगवाये गये। इसके बाद मामला बढ़ता देख पुलिस वालों ने दोषी डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर धारा 420 ,325 ,504 ,506 लिखकर खानापूर्ति कर के मामले को रफा दफा करने मे लगे रहे। 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई की गई।
इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी तक नहीं हुई है। दोषी डॉक्टर दंपति को आए दिन जान से मारने की लगातार धमकी देते हैं जिससे दंपति काफी डरे और सहमे हुए हैं। ऐसे में अगर दंपति को अगर कुछ हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। आखिर स्वास्थ्य विभाग इनके ऊपर इतना मेहरबान क्यों है जो 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी और आरोप सिद्ध हो जाने के बाद भी अब तक दोषियों को बचाया जा रहा है।
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