उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की कुपोषण के लिए शुरू की गयी योजना ‘हौसला-पोषण योजना’ ने शुरुआत के दिनों में ही अपना दम तोड़ दिया है।
लापरवाही के चलते नहीं मिल रहा गर्भवती और बच्चों को भोजन:
- उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की गर्भवती और कुपोषित बच्चों के लिए शुरू की गयी योजना ने अपने शुरुआती दिनों में ही दम तोड़ दिया है।
- यूपी के कई जिलों में ग्राउंड जीरो चेक में यह योजना अपना दम तोड़ती नजर आ रही है।
- गौरतलब है कि, खुद मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को खाना खिलाकर योजना का शुभारम्भ किया था।
- लेकिन कई जिलों में अधिकारियों की लापरवाही के चलते गर्भवती ग्रामीण महिलाओं और कुपोषित बच्चों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मुताबिक, योजना के लिए बैंक खातों में इस योजना का पैसा आना था, जो कि नहीं आया।
- कार्यकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने गर्भवती ग्रामीण महिलाओं और कुपोषित बच्चों को अपने पैसे से दो दिन भोजन कराया।
- इसके अलावा कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मुताबिक, प्रशासन ने अभी तक उनके खाते ही नहीं खुलवाए हैं।
- वहीँ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में चेकिंग के दौरान आंगनबाड़ी में सामने आया कि, अधिकांश केंद्र बंद मिले और कई जगह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नहीं मिली।
- फतेहपुर जिले में ही सहायक के रूप में बच्चों की देखभाल करने वाली एक बुजुर्ग महिला को योजना की कोई जानकारी ही नहीं थी।
- गौरतलब है कि, विभाग द्वारा इस योजना का बहुत जोरों-शोरों से प्रचार किया था, उसके बावजूद ग्राम प्रधान से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इससे अनजान दिखे।
- हौसला पोषण योजना ने सूबे के लगभग हर जिले में दम तोड़ दिया है, तो अब सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री जी ऐसे होगा उत्तर प्रदेश कुपोषण मुक्त?
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