उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में मानवरहित क्रासिंग पर ड्राईवर की लापरवाही से करीब 10 स्कूली बच्चों की जान चली गयी थी।

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राजधानी के स्कूलों में भी लापरवाही का स्तर चरम पर:

हाल ही में उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर ड्राईवर की लापरवाही से करीब 10 स्कूली बच्चों की मौत हो गयी थी। जिसके बाद आरोपी ड्राईवर पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। लेकिन, यह मामला सिर्फ भदोही का ही नहीं है, बल्कि सूबे की राजधानी लखनऊ समेत लगभग हर जगह यही नजारा है।

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हैडफ़ोन पर गाने सुन रहा था ड्राईवर:

भदोही दुर्घटना में जिस वक़्त वो दिल दहलाने वाला हादसा हुआ था उस वक़्त बस ड्राईवर हेडफोन पर गाने सुन रहा था। जिस वजह से मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर आ रही ट्रेन की आवाज़ उसे सुनाई नहीं दी और जिसकी कीमत 10 मासूम बच्चों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

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कब चेतेंगे हम:

सूबे की राजधानी लखनऊ में भी स्कूल बस/टैक्सी आदि के ड्राईवरों में लापरवाही का स्तर अपने चरम पर है। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चों के सम्बंधित वाहन में बैठने से लेकर ड्राईवर तक हर जगह लापरवाही साफ़ दिखाई देती है। छुट्टी के वक़्त कोई ड्राईवर कहीं फ़ोन पर बात करता मिलेगा या  बच्चे किसी तरह की खतरनाक शैतानी करते पाए जाते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि, भदोही घटना में सम्बंधित ड्राईवर को सजा देने से सब ठीक हो जायेगा?

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