बुलंदशहर जिले के खुर्जा में फिर एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों कि घोर लापरवाही सामने आयी है।
क्या है मामला?
इस बार मामला एक लावारिस व्यक्ति से जुड़ा है, जो कि हॉस्पिटल में आया तो इलाज कराने था, लेकिन कलयुग के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने उसे वहां से चलता कर दिया। बेबस लाचार व्यक्ति को जब कुछ समझ नहीं आया तो हॉस्पिटल के बाहरी बारामदे में ही वो तड़पता रहा। वो कौन है कहाँ का है हालांकि ये जानना भी ज़रूरी था, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी था कि समय रहते उसे सही उपचार मिल जाये।
थम नहीं रही हैं डॉक्टरों की लापरवाही:
बुलन्दशहर जिले के खुर्जा स्थित सरकारी जटिया अस्पताल प्रशासन फिर एक बार सबालों के घेरे में है। डॉक्टरों ने एक लावारिस मरीज की हालत खराब देख उसे अस्पताल में एडमिट करने के वजाय वहां से चलता कर दिया, लेकिन वो बेबस आखिर कहाँ जाता? इसलिए वह पड़ा रहा अस्पताल की चारदीवारी से लगा।
संभंधित अफसर हैं इस मामले से अनजान:
इस बारे में जिले के सम्बंधित अफसरों का कहना है कि वह पूरे प्रकरण से अनजान है। सोचने वाली बात तो यह है कि जिस तरह से डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा बार बार सामने आ रहा है वह कहीं ना कहीं इन डॉक्टरों की पोल खोलता है।
सवाल वही है कि आखिर भगवान के रूप में बैठे डॉक्टर्स की मंशा क्या है?
क्या किसी की तकलीफ का अंदाजा नहीं है या फिर इनके काम करने का तरीका ही ये है?
चिकित्सा अधिकारी ने झाड लिया पल्ला:
इस मामले में हर बार की तरह फिर एक बार प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने जांच करने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है। लेकिन आखिर यह जांच होती कब है और बदलाव डॉक्टर के रूप में बैठे यह शैतान अपने अंदर क्यों नहीं ला पाते?
क्या मोटी मोटी तनख्वाह पर सरकारी अस्पतालों में इन लापरवाह डॉक्टरों के दिल नहीं है? या फिर इन्हें किसी की तकलीफ का अंदाजा नहीं है?
काबिलेगौर है कि अभी 2 दिन पहले ही एक महिला इसी अस्पताल में दर्द से कराहती रही थी लेकिन जब हमने उस मुद्दे को अफसरों तक पहुंचाया तो वह महिला अस्पताल में भर्ती हो पाई थी।
फिलहाल फिर एक बार जांच की बात की जा रही है।
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