उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व राज्य सभा सांसद वीरपाल सिंह यादव के बयान का वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद बिथरी चैनपुर थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। वायरल हो रहे वीडियो में उन्होंने कहा था कि जब मौलाना तौकीर को पकड़ा गया था तो मैंने सबसे पहले बयान दिया था कि ये ज्यादती है, हम तो कांवड़ वालों के विरोध में हैं।
कांवड़ियों पर दिया था विवादित बयान :
सपा नेता ने कहा था कि जब लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत कर रहे थे तब मैंने कहा कि ये लोग (गाली देकर) दारू पीने वाले हैं, गांजा पीने वाले हैं, ये कभी भगत नहीं हो सकते। अगर देश में अमन चैन बनाए रखना है तो इन भाजपाइयों को हराना होगा और इसके लिए समाजवादी पार्टी को राम से और शंकर से भिड़ना होगा क्योंकि भाजपा की जान इसी में है। जैसे शैतान की जान तोते में होती है।
वीरपाल सिंह यादव ने कहा था कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश की है लेकिन समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है। उन्होंने स्थानीय बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दंगा कराना चाहते हैं।
पुलिस ने शुरू की कार्यवाई :
स्थानीय पुलिस ने 800 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दे रही है जिस वजह से गांव के मर्द घर छोड़कर फरार हो गए हैं।
दरअसल ताजिये रोके जाने के विरोध में नेशनल हाइवे 24 पर नकटिया पुलिस चौकी के पास सैकड़ों ताजियेदारों ने सड़क पर ताजिये रखकर जमकर उत्पात मचाया था। हाथों में हथियार लेकर सरकार और पुलिस प्रसासन को अपशब्द कहे थे और 6 घण्टे तक हाइवे को बंधक बनाकर रखा था।
छोटे से धार्मिक विवाद से शुरू हुआ मामला अब घोर सांप्रदायिक और राजनीतिक हो गया है। सावन और मोहर्रम में हुए बवाल के बाद सपा और कांग्रेस के नेता मुस्लिमों के गांव उमरिया गए और बीजेपी के नेता हिन्दुओं के गांव खजुरिया गए। दोनों ही गांवों में भारी पुलिस तैनात है।
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