पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति और आवास विकास परिषद के पांच इंजिनियरों सहित आठ लोगों के खिलाफ गोसाईगंज थाने में एससी-एसटी ऐक्ट (sc-st act) के तहत केस दर्ज किया गया है। कोर्ट के आदेश पर यह रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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क्या है पूरा मामला?
- गोसाईगंज के हरिहरपुर निवासी अनीता देवी का आरोप है कि 2 अप्रैल को घुसवल मुजफ्फरनगर गांव में अपनी जमीन पर वह निर्माण करवा रही थीं।
- करीब 12:30 बजे अनिल ने निर्माण बंद करवाने की कोशिश की।
- विरोध पर वह चले गए लेकिन शाम करीब 5 बजे बुलडोजर लेकर फिर आ गए।
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- उनके साथ आवास विकास के अधिशासी अभियंता सुनील चौधरी, प्रमोद कुमार, सहायक अभियंता एके वर्मा, अभिषेक तिवारी, एके विश्वकर्मा, संजय गुप्ता और कई लोग भी थे।
- अनीता के अनुसार, इन लोगों ने अनीता और उसकी बेटी को पीटा।
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- अनिल ने उसका फोन छीन लिया। अनीता का मंगलसूत्र टूटकर गिर गया, वह इंजिनियर एसके विश्वकर्मा ने जेब में रख लिया। इसी बीच गांववाले फिर आ गए तो ये सभी भाग गए।
- अनीता के अनुसार, अनिल के दबाव में पुलिस ने न रिपोर्ट लिखी न मेडिकल करवाया।
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- गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद यूपी पुलिस ने गायत्री और उनके सहयोगियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
- आईपीसी की धारा- 376 के तहत रेप का केस दर्ज होता है।
- इसमें आरोपी को 10 साल की कैद या उम्रकैद होती है।
- धारा- 376 डी के तहत गैंगरेप का केस दर्ज होता है, जिसमें उम्रकैद की सजा होती है।
- अब इस रिपोर्ट (sc-st act) के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है।
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