समाजवादी पार्टी के शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले गोमती रिवर फ्रंट के तटों की सुंदरता पर सीबीआई (CBI probe) जांच का ग्रहण लग गया है। डालीगंज पुल से लामार्टीनियर कॉलेज के बीच दोनों ओर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए 1500 करोड़ रुपये से अधिक रकम खर्च हो गई।
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- इसके बाद भी न तो तट पूरी तरह से सुधर पाए और न ही गोमती के प्रदूषण में ही कोई खास अंतर आ सका।
- रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम अभी भी 40 फीसद से अधिक बाकी है।
- जबकि 700 करोड़ रुपये परियोजना की लागत तय हुई थी।
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दो करोड़ की लागत का म्यूजिकल फाउंटेन भी ठप
- लामार्टीनियर कॉलेज के करीब एक करोड़ रुपये से लगाए गए आकर्षक झूले उपयोग न होने से बेकार हो चुके हैं।
- लगभग दो करोड़ की लागत का म्यूजिकल फाउंटेन का संयंत्र तो लगा दिया गया है लेकिन अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।
- इतनी ही लागत से बनाया गया फ्लड लाइट स्टेडियम अब सुनसान है।
- इनका काम रुका होने से जनता की गाढ़ी कमाई बेकार गई है।
- ये हाल लामार्टीनियर कॉलेज से लेकर डालीगंज पुल तक जगह-जगह देखा जा सकता है।
- अब बारिश कम होने के साथ गोमती के तटों की बदहाली और नदी की गंदगी एक बार फिर से दिखने लगी है।
- गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम वर्ष 2015 में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय शुरू किया गया था।
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- शुरुआत में ये परियोजना करीब करोड़ रुपये की थी।
- मगर धीरे धीरे इसकी (CBI probe) लागत बढ़ती गई।
- करीब 10 करोड़ तक पहुंची प्रोजेक्ट की लागत बाद में करोड़ से अधिक पर जा पहुंची।
- मार्च में जब सरकार बदली तो इस परियोजना को ग्रहण लग गया।
- सबसे पहले खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां का निरीक्षण कर कड़े कदम उठाए।
- कई अफसरों पर गाज गिरी। एफआईआर भी हुईं। अब सीबीआई जांच की भी शुरुआत हो चुकी है।
- मगर इस पूरी प्रक्रिया की भुक्तभोगी गोमती ही बन रही है।
- इस सम्बन्ध में सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता अनुराग मिश्र ने बताया कि उच्चस्तर से कुछ निर्णय लिए जाने हैं, जिनके बाद रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम फिर से शुरू होगा।
- उम्मीद कर सकते हैं कि 15 अक्टूबर के बाद हम काम खुद शुरू कर सकते हैं।
- जहां तक सवाल गोमती को प्रदूषण मुक्त करने का है इस पर फैसला मुख्य सचिव के स्तर पर होना है।
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बदहाल हो गए गोमती रिवर फ्रंट पर लगे करोड़ों के झूले, फव्वारे
- तटों के सुंदरीकरण के दौरान लामार्टीनियर कालेज के पास एक फ्लड लाइट लगा कर मिनी स्टेडियम बनाया गया था।
- जिसमें समय समय पर खेल प्रतियोगिताएं और छोटे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने थे, मगर अब ये स्टेडियम वीरान हो चुका है।
- यहां से कुछ दूरी पर जनेश्वर मिश्र पार्क की तर्ज पर एक हजार बच्चों के लिए आकर्षक झूले लगाए गए हैं। मगर यहां अब तक कोई भी बच्चा झूला झूलने नहीं आ सका है।
- सबसे बुरा हाल डालीगंज पुल और कुड़िया घाट के आसपास है।
- यहां जगह-जगह गोमती को रोका गया है, इस वजह से कई जगह छोटे टापू तक बन चुके हैं।
स्वच्छता और रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के काम रुके
- सीबीआई जांच की सिफारिश होने के बाद सिंचाई विभाग ने रिवर फ्रंट का काम रोक दिया।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और आवास राज्य मंत्री सुरेश पासी की एक कमेटी इस संबंध में सिफारिशें देने के लिए बनाई गई।
- मगर अब तक इस कमेटी की (CBI probe) भी कोई सिफारिशें भी सामने नहीं आई हैं।
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