राजधानी के विकास नगर थाना क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब कई अपराधों में एक वांछित व्यापारी प्रदीप अग्रवाल के घर सीबीआई टीम दबिश देने पहुंची थी। सुबह तड़के घर पर छापेमारी के लिए पहुंची सीबीआई टीम को देखते ही व्यापारी ने भागने के उद्देश्य से (CBI raids: Businessman died) छत से नीचे छलांग लगा दी।
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- सीबीआई की टीम ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी।
- सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यापारी को फ़ौरन ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया।
- यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने व्यापारी को मृत घोषित कर दिया।
- पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
- पुलिस और सीबीआई की टीम पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
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पांचवी मंजिल से लगाई छलांग
- जानकारी के मुताबिक, विकासनगर के सेक्टर दो स्थित रोहित अपार्टमेन्ट के 303 नंबर फ्लैट में दवा व्यवसायी प्रदीप अग्रवाल अपनी पत्नी संगीता अग्रवाल (55) व बेटे अंकित एवं बहू आकांक्षा के साथ रहता था।
- बताया जा रहा है कि प्रदीप पर नकली दवा बेचने के आरोप में वर्ष 2009 में रांची झारखंड में मामला दर्ज हुआ था।
- मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही थी।
- बुधवार सुबह लगभग 6 बजे सीबीआई टीम ने विकासनगर पुलिस को साथ लेकर अपनी जानकारी के अनुसार अपार्टमेन्ट के फ्लैट नंबर 301 पर दबिश दी हालांकि व्यापारी वहां नहीं मिला।
- सीबीआई को भनक लगी तो उसने फ्लैट 303 पर दबिश दी, जहां प्रदीप तो नहीं था लेकिन उसकी पत्नी व परिवर मिला।
- पूछताछ करने पर (CBI raids: Businessman died) संगीता ने बताया कि प्रदीप इंदौर गया है।
- वह वापस आकर न्यायालय में पेश हो जाएगा।
- इधर सीबीआई को जब प्रदीप नहीं मिला तो सीबीआई टीम उसके गुडंबा कुर्सी रोड के बसहा स्थित आयुर्वेदिक दवा के गोदाम पर पहुंच गई।
- इधर राधा सक्सेना नामक महिला ने पुलिस को एक अधेड़ द्वारा अपार्टमेन्ट से छलांग लगाने की सूचना दी।
- प्रदीप की मौत की पुष्टि होते ही भेद खुल गया कि उसने सीबीआई से भागने के लिए छलांग लगाई थी।
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पत्नी भी जा चुकी है जेल
- थाना प्रभारी विकासनगर सुमित श्रीवास्तव के मुताबिक, प्रदीप की पूरे भारत मे तमाम दवा फैक्ट्री है।
- प्रदीप समेत उसकी पत्नी संगीता भाई प्रवीण व भाई की पत्नी पर भी 2009 में ही इसी मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था।
- संगीता पूर्व में जेल काटकर आई है और वर्तमान में जमानत पर है।
- प्रदीप द्वारा नकली दवा के व्यापार के खुलासे के बाद उसके समस्त लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे।
- मामले की जांच सीबीआई के पास थी जबकि प्रदीप फरार चल रहा था।
- इस मामले में चार्जशीट लग चुकी थी जिसके बाद विशेष जज द्वारा वारंट जारी किया गया था।
- कोर्ट के वारंट जांरी करने (CBI raids: Businessman died) के बाद सीबीआई टीम दबिश देने पहुंची थी।
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