आईएएस अफसर अनुराग तिवारी केस में सीबीआई (CBI) की टीम ने एलडीए वीसी पीएन सिंह पर शिकंजा कसा है। बुधवार को सीबीआई ने पीएन सिंह के करीबी अफसरों से भी पूछताछ की। पूछताछ के लिए सीबीआई ने एलडीए के वीसी और उनके करीबियों को अपने कार्यालय बुलाया था। सीबीआई की टीम ने व्यवस्थाधिकारी अशोक पाल सिंह, वीसी के पीएसओ विशाल, ड्राइवर सुभाष, उतबीर हसन से पूछताछ की। सीबीआई आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में काफी सख्त है और सबूत तलाश रही है।
क्या है पूरा घटनाक्रम?
- गौरतलब है कि आईएएस अनुराग तिवारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे।
- 17 मई 2017 को बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे उनका शव मीराबाई मार्ग पर गेस्टहाऊस के निकट लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला।
- राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
- सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
- पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान जेब से पर्स और पैसे मिले हैं।
ये भी पढ़ें- …तो क्या कहीं बाहर से हत्या करके फेंका गया था IAS अनुराग तिवारी का शव!
- पुलिस ने जेब से मिले आईकार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की।
- प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे।
- आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना मिलते ही आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी दीपक कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- एसएसपी ने बताया प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि उन्होंने मंगलवार की रात करीब 11 बजे अपने साथियों के साथ खाना खाया।
- आशंका है कि वह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले होंगे और उनकी सड़क पर गिरने से मौत हो गई थी।
- पूछताछ में पता चला है कि वह मंसूरी में ट्रेनिंग लेने के बाद दो दिन पहले लखनऊ आये थे। फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।
ये भी पढ़ें- IAS अनुराग मामले में सामने आई लखनऊ पुलिस की लापरवाही!
ऐसे होती है सीबीआई जांच
- किसी भी केस की जांच सीबीआई (CBI) से कराने के लिए राज्य सरकार निर्धारित प्रोफार्मा पर केस के सारांश व गंभीरता का उल्लेख कर उसे केंद्रीय कार्मिक मंत्रलय को भेजती है।
- इसके बाद कार्मिक मंत्रलय उस पर सीबीआई से राय मांगती है।
- अगर सीबीआई केस की जांच को तैयार नहीं होती तो वह केस सामान्यत: उसे नहीं दिया जाता है।
- परंतु हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट अगर किसी मामले की जांच का आदेश करता है तो सीबीआई उसे मानने के लिए बाध्य होती है।
- इसके बाद सीबीआई (CBI) अपनी टीम के साथ अहम बिंदुओं को इकठ्ठा करके जांच पूरी कर लेती है।
ये भी पढ़ें- IAS अनुराग तिवारी कांड: CCTV फुटेज आया सामने!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें